सम्मान की राह
सम्मान की राह
चलो आज फिर इतिहास रचें,
सम्मान की राह पर कदम बढ़ाएं।
झुकें न कभी अपनों के आगे,
अपनी पहचान को सदा निभाएं।
ना झुके राजनीति के उस खेल में,
जहां स्वार्थ की बातें होती हैं।
हम हैं राणा, एकता हमारी शक्ति,
सच्चाई हमारी जोती है।
समर्पण से सींचें समाज की जड़ें,
हर चुनौती को अवसर मानें।
निडर बनें, पर विवेक से चलें,
हर बंधन को स्नेह से पहचानें।
दबाव में ना खोएं अपनी गरिमा,
सम्मान से समझौता ना हो।
जो साथी हमें तोड़ना चाहें,
उनसे नफरत का रिश्ता ना हो।
एकता का दीप जलाएं हर ओर,
राणा का नाम ऊंचा करें।
छोड़ दें स्वार्थ, अपनाएं समर्पण,
सपनों का आकाश सच्चा करें।
चुनाव तो बस एक पड़ाव है,
मंजिल है समाज का उत्थान।
राणा की एकता अमर हो सदा,
यही हो हमारे जीवन का गान।
🖋️नवीन सिंह राणा