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राणा थारू सांस्कृतिक भाषा प्रतियोगिता

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राणा थारू सांस्कृतिक भाषा प्रतियोगिता ✍️ राणा संस्कृति मंजूषा  राणा थारू समाज की भाषा-बोली समाज की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस भाषा में न केवल हमारे विचार और भावनाएँ संजोई गई हैं, बल्कि इसमें हमारी परंपराएँ, रीति-रिवाज, और जीवन के कई पहलू शामिल हैं। भाषा के माध्यम से हम अपनी संस्कृति को न केवल अपने लोगों में जीवित रख सकते हैं, बल्कि इसे आने वाली पीढ़ियों तक भी पहुँचा सकते हैं। आज के दौर में, बाहरी भाषाओं का प्रभाव बढ़ने के कारण हमारी मातृभाषा का अस्तित्व खतरे में है। हमारी नई पीढ़ी, आधुनिक शिक्षा और डिजिटल तकनीक की वजह से अपनी ही भाषा से दूर होती जा रही है। इस परिस्थिति में, राणा थारू युवा जागृति समिति का यह कदम अत्यंत सराहनीय है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य सिर्फ एक सामान्य प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह एक प्रयास है जो भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक ठोस पहल के रूप में देखा जा सकता है। इस प्रतियोगिता के प्रश्न भाषा के विविध पहलुओं को स्पर्श करेंगे, जैसे हमारे पारंपरिक कृषि यंत्रों का विवरण, उनके भागों के नाम, पारंपरिक भोजन बनाने के तरीके और...