आयकर दिवस राष्ट्रीय प्रगति की रीढ़
**आयकर दिवस: राष्ट्रीय प्रगति की रीढ़** आयकर दिवस, जिसे हम 24 जुलाई को मनाते हैं, न केवल एक प्रशासनिक आवश्यकता है बल्कि एक राष्ट्रीय कर्तव्य और गर्व का प्रतीक भी है। इस दिन, हमें न केवल सरकार की आयकर नीतियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, बल्कि यह भी समझना चाहिए कि यह कराधान प्रणाली हमारे देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य 1860 में जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश भारत में आयकर की शुरुआत की थी, जिससे सरकारी खर्चों को पूरा करने के लिए एक स्थायी राजस्व स्रोत स्थापित हुआ। तब से लेकर अब तक, आयकर प्रणाली में कई सुधार और परिवर्तन हुए हैं, जिससे यह प्रणाली अधिक प्रभावी और न्यायसंगत बनी है। आर्थिक विकास में आयकर की भूमिका आयकर, सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत है, जो देश के विकासात्मक परियोजनाओं, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश के लिए आवश्यक धनराशि प्रदान करता है। आयकर की वजह से ही सरकार सामाजिक कल्याण योजनाओं को क्रियान्वित कर सकती है और कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान कर सकती है। यह धनराशि न केवल सरकारी योजनाओं...