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बारह राणा स्मारक: हमारी विरासत का गौरवपूर्ण अध्याय

बारह राणा स्मारक: हमारी विरासत का गौरवपूर्ण अध्याय 🖋️🖋️ नवीन सिंह राणा  नोट: प्रस्तुत संस्मरण रामकिशोर जी की स्मृतियों के आधार पर लिखा गया है। मैं राम किशोर सिंह राणा आज पूरे समाज के सामने पूरी आवाज में चिल्ला चिल्लाकर कहता हूं कि मुझे आज भी याद है वे दिन जब  धूप से तपते मैदानों में, बीहड़ झाड़ियों के जंगलों के बीच, हमारी थारू जनजाति ने एक सपना देखा था—अपनी गौरवशाली विरासत को एक स्मारक के रूप में संजोने का। यह स्मारक केवल ईंट और पत्थर का ढांचा नहीं है; यह हमारे सामूहिक प्रयास, त्याग और समर्पण का जीवंत प्रतीक है। याद आता है वह समय, जब गांव-गांव से ट्रैक्टर भर-भरकर श्रमदान के लिए लोग आते थे। किसी ने 11 रुपए का योगदान दिया, तो किसी ने एक ईंट। माताओं और बहनों ने अपने दहेज का सामान दान किया, कांसा-पीतल के बर्तन, कीमती आभूषण, और घर के पुराने कपड़े—सबकुछ इस सपने को साकार करने के लिए समर्पित कर दिया। यह वह समय था जब हर दिल में केवल एक ही धड़कन थी—बारह राणा स्मारक को पूरा करने की। याद आता है संग्रहालय के लिए वस्तुएं जुटाना। खेतों में इस्तेमाल होने वाले पुराने औजार, विलुप्त हो रहे पार...

परंपरागत धार्मिक और कृषि विधियां: राणा थारु समुदाय की परंपराएं

परंपरागत धार्मिक और कृषि विधियां: राणा थारु समुदाय की परंपराएं 🖋️नवीन सिंह राणा यह जानकारी संग्रहकर्ता ने अपने स्वर्गीय दादा जी से प्राप्त की थी  राणा थारु समुदाय में धार्मिक और कृषि परंपराएं बेहद समृद्ध और विशिष्ट हैं। यहां उनके कुछ प्रमुख त्योहारों, विधियों और मान्यताओं का वर्णन किया गया है: --- पोया: वैशाख का त्योहार समय और विधि: वैशाख महीने के प्रथम सोमवार को सुबह के समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूरब की ओर पीठ और पश्चिम की ओर मुंह करके बीज बोने की परंपरा है। एक लोटा पानी, दो मुट्ठी धान, लौंग का जोड़ा, और थोड़ा सा शहद ले जाकर खेत में एक स्थान पर रख दिया जाता है। बीज बोने के बाद धरती माता से अच्छी फसल के लिए प्रार्थना की जाती है। यदि यह दिन यदि बूढ़ा को सोमवार" पड़ता है, तो यह प्रक्रिया आठवें सोमवार तक टाल दी जाती है। दिशा का महत्व: पूर्व और पश्चिम दिशा में मुंह करने का कारण नागों से बचाव माना जाता है। --- हरैतो: अगहन का त्योहार समय और विधि: अगहन के प्रथम गुरुवार को यह विधि की जाती है। इसमें धान की जगह गेहूं के बीज का उपयोग होता है। हल्की जमीन में कुदाल या हल चलाकर पांच या...