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सितंबर 8, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हिंदी दिवस: भाषा का इतिहास, महत्व, और क्षेत्रीय भाषाओं के साथ संबंध**

**हिंदी दिवस: भाषा का इतिहास, महत्व, और क्षेत्रीय भाषाओं के साथ संबंध** :नवीन सिंह राणा  हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है, जो हमारी राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी के महत्व और उसकी समृद्ध परंपरा को समर्पित है। 1949 में इसी दिन भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था। इस दिवस का उद्देश्य हिंदी के प्रचार-प्रसार और इसके प्रति जागरूकता फैलाना है। हिंदी की समृद्ध परंपरा और उसका विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं के साथ गहरा संबंध हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक है। ### हिंदी का इतिहास: हिंदी का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा हुआ है, जिसका उद्भव संस्कृत भाषा से हुआ। प्राचीनकाल में हिंदी की जड़ें 'खड़ी बोली' में देखी जा सकती हैं, जो धीरे-धीरे विकसित होकर आधुनिक हिंदी के रूप में उभरी। 11वीं और 12वीं शताब्दी के दौरान यह भाषा अपभ्रंश से निकलकर एक व्यवस्थित रूप लेने लगी। 'आदिकाल' में हिंदी साहित्य ने वीर गाथाओं और धार्मिक काव्यों के रूप में एक नई दिशा प्राप्त की, जबकि 'भक्तिकाल' और 'रीतिकाल' में हिंदी साहित्य मे...

**"समाज की प्राथमिकताएँ: बाहरी मुद्दों से पहले आंतरिक समस्याओं पर चिंतन आवश्यक"**

**"समाज की प्राथमिकताएँ: बाहरी मुद्दों से पहले आंतरिक समस्याओं पर चिंतन आवश्यक"** :नवीन सिंह राणा  यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि हमारे समाज के लोग अब अपनी क्षेत्रीय समस्याओं से ऊपर उठकर देश, धर्म, और सरहदों की समस्याओं पर चर्चा कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि समाज का विचारशील वर्ग अब राष्ट्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी सोचने लगा है। लेकिन, इस पूरे परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण सवाल उठता है: क्या हम अपने समाज की मूलभूत समस्याओं को नजरअंदाज कर रहे हैं? क्या हमारे समाज के लोग उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिनसे सीधे तौर पर हमारी सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक स्थिति प्रभावित हो रही है? हमारा राणा समाज, जो वर्षों से एक विशिष्ट पहचान और गौरवपूर्ण विरासत का ध्वजवाहक रहा है, आज अपने ही धर्म के लोगों द्वारा शोषित हो रहा है। हमारी जमीनें छीनी जा रही हैं, सम्मान लूटा जा रहा है, और रोजगार के अवसरों से हमें वंचित किया जा रहा है। इसके बावजूद, हम केवल यह कहने में व्यस्त हैं कि हमें खतरा अन्य धर्म के लोगों से है। यह विडंबना है कि जब हमारे अपने लोग ही हमारे अधिकारों का हनन कर रहे ह...

किसी भी समाज की जिम्मेदार और पुरानी संस्था में अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया: महत्वपूर्ण बिंदु और निर्णय

**"किसी भी समाज की जिम्मेदार और पुरानी संस्था में अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया: महत्वपूर्ण बिंदु और निर्णय"* *किसी समाज की सबसे जिम्मेदार और पुरानी संस्था के कार्यकाल समाप्त होने के बाद नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील निर्णय होता है, जो न केवल संस्था की दिशा और भविष्य को निर्धारित करता है, बल्कि पूरे समाज की एकजुटता और प्रगति पर भी गहरा प्रभाव डालता है। जब 5 से 7 उम्मीदवार अध्यक्ष पद के लिए खड़े होते हैं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है:        1. **योग्यता और अनुभव का मूल्यांकन:**    - **शैक्षिक और व्यावसायिक योग्यता:** अध्यक्ष पद के उम्मीदवार की शिक्षा, अनुभव, और व्यावसायिक दक्षताओं का गहन मूल्यांकन करें। उच्च शिक्षा और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अनुभव रखने वाले उम्मीदवार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।    - **नेतृत्व क्षमता:** उम्मीदवार की नेतृत्व क्षमता, समस्याओं का समाधान, और निर्णय लेने की क्षमता का आंकलन करें। यह देखना महत्वपूर्ण है कि उम्मीदवार कठिन परिस्थितियों में कैसे प्रतिक्रिया करता है। ...