शीर्षक:थारू समाज में युवा नेतृत्व की आवश्यकता: एक आधुनिक दृष्टिकोण
शीर्षक: थारू समाज में युवा नेतृत्व की आवश्यकता: एक आधुनिक दृष्टिकोण प्रस्तावना "जब परिवर्तन की आहट सुनाई देती है, तब समाज को दिशा दिखाने का दायित्व युवाओं के कंधों पर आ जाता है।" भारत की जनजातीय विविधता में थारू समाज एक गौरवशाली स्थान रखता है। प्राकृतिक जीवन, सांस्कृतिक सादगी और सामाजिक एकता इसकी पहचान हैं। परंतु आज के तेजी से बदलते युग में यह समाज कई सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। इन परिस्थितियों में थारू समाज को यदि कोई नई दिशा दे सकता है, तो वह है – इस समाज का शिक्षित, जागरूक और सक्रिय युवा वर्ग। थारू समाज की सांस्कृतिक विरासत और वर्तमान चुनौतियाँ थारू समाज का इतिहास संघर्ष, आत्मनिर्भरता और प्रकृति के साथ सामंजस्य का रहा है। सदियों तक वनों और सीमावर्ती क्षेत्रों में बसने वाला यह समुदाय अब शहरीकरण, आधुनिकता और वैश्वीकरण की लहर से प्रभावित हो रहा है। फिर भी – शिक्षा का अभाव सरकारी योजनाओं की पहुंच में कमी बेरोज़गारी नशा व स्वास्थ्य समस्याएँ राजनीतिक प्रतिनिधित्व की कमी इन सब ने थारू समाज की तरक्की की गति को धीमा कर दिया है। युवा नेतृत्व क्यों है ज़र...