संदेश

अक्तूबर 13, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हिंदी संस्कृत भाषा अनुवादक

Hindi-Sanskrit Language Translator Hindi-Sanskrit Translator Tool Hindi Sanskrit Translate Translated Sanskrit Text: body { font-family: 'Arial', sans-serif; background-color: #e0f7fa; margin: 0; padding: 0; } .container { max-width: 600px; margin: 50px auto; padding: 20px; background-color: #fff; border-radius: 10px; box-shadow: 0 4px 10px rgba(0, 0, 0, 0.1); } h1 { text-align: center; color: #00695c; font-size: 24px; margin-bottom: 20px; } .translator { display: flex; flex-direction: column; } textarea { width: 100%; height: 120px; padding: 10px; margin-bottom: 15px; border: 1px solid #b2dfdb; ...

राणा समाज के संघठन प्रश्नोत्तरी

राणा समाज के संघठन प्रश्नोत्तरी  ✍️ नवीन सिंह राणा  नीचे राणा थारू समाज के दो प्रमुख संगठनों राणा थारू युवा जागृति समिति और राणा थारू परिषद पर आधारित 40 प्रश्नों की बहुविकल्पीय प्रश्नावली दी गई है। प्रत्येक संगठन के लिए 20 प्रश्न तैयार किए गए हैं: --- राणा थारू युवा जागृति समिति पर आधारित 20 प्रश्न 1. राणा थारू युवा जागृति समिति की स्थापना किस वर्ष हुई थी? (A) 1990 (B) 1985 (C) 2000 (D) 2017 2. राणा थारू युवा जागृति समिति का मुख्य उद्देश्य क्या है? (A) राजनीतिक सुधार (B) सांस्कृतिक संरक्षण (C) शिक्षा और रोजगार (D) सामाजिक न्याय (E) उपरोक्त सभी  3. राणा थारू युवा जागृति समिति के अध्यक्ष को कितने वर्षों के लिए चुना जाता है? (A) 1 वर्ष (B) 2 वर्ष (C) 3 वर्ष (D) 5 वर्ष 4. राणा थारू युवा जागृति समिति मुख्य रूप से किस आयु वर्ग के लोगों को प्रेरित करती है? (A) बच्चों (B) युवा (C) बुजुर्ग (D) महिलाओं 5. राणा थारू युवा जागृति समिति का मुख्यालय कहाँ स्थित है? (A) सितारगंज (B) खटीमा (C) देहरादून (D) लखनऊ 6. राणा थारू युवा जागृति समिति के अंतर्गत किस कार्यक्रम को प्रतिवर्ष आयोजित क...

राणा समाज को आप कितना जानते हैं?

राणा थारू समाज को आप कितना जानते है? ✍️ नवीन सिंह  यहां 50 प्रश्नों का एक बहुविकल्पीय प्रश्नपत्र प्रस्तुत है, जो राणा समाज की उत्पत्ति, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक मुद्दों, शिक्षा, भूमि, और रोजगार जैसे विषयों पर आधारित है आप नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर कमेंट बॉक्स में जाकर सेंड कर सकते हैं। 1. राणा समाज की उत्पत्ति किस राज्य से मानी जाती है? a) उत्तराखंड b) उत्तर प्रदेश c) राजस्थान d) मध्य प्रदेश 2. राणा समाज का पारंपरिक मुख्य पेशा क्या है? a) कृषि b) व्यापार c) शिल्पकारी d) शिक्षा 3. राणा समाज के लोग प्राचीन काल में किससे जुड़े थे? a) वैदिक संस्कृति b) क्षत्रिय धर्म c) वैश्य समाज d) बौद्ध धर्म 4. राणा समाज में प्रमुख त्यौहार कौन सा है? a) होली b) दिवाली c) हरियाली तीज d) मकर संक्रांति 5. राणा समाज की प्रमुख भाषा कौन सी है? a) हिन्दी b) पंजाबी c) थारू d) कुमाऊँनी 6. वर्तमान में राणा समाज में शिक्षा का औसत स्तर क्या है? a) प्राथमिक b) माध्यमिक c) उच्च d) साक्षरता दर 60% 7. राणा समाज के लोगों की आजीविका का मुख्य साधन क्या है? a) सरकारी नौकरी b) निजी व्यवसाय c) खेती d) शिल्पकार...

समाज के भीतर का शोषण और हमारी जिम्मेदारी✍️ राणा संस्कृति मंजूषा

चित्र
समाज के  भीतर का शोषण और हमारी जिम्मेदारी ✍️ राणा संस्कृति मंजूषा  हम सब अपने समाज से प्यार करते हैं। हमारी संस्कृति, परंपराएं, और इतिहास हमें गर्व से भर देते हैं। यह समाज हमें वह पहचान देता है, जिसके बिना हम अधूरे हैं। हमारी जड़ें इस समाज में गहरी हैं—यह वह नींव है जिस पर हमारा वर्तमान और भविष्य टिका     है। समाज की महानता की बात करते हुए हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि इस शानदार भवन में कुछ ऐसे लोग भी बसे हुए हैं जो इसे अंदर से खोखला कर रहे हैं। वे ऐसे भेड़िए हैं, जो सिर्फ नाम के समाज के सदस्य हैं, लेकिन असल में समाज का शोषण कर रहे हैं और उसे बर्बाद कर रहे हैं। यह एक कड़वा सच है कि हमारे समाज में कुछ लोग ऐसे हैं जो समाज की भलाई का नाम लेकर उसे ही लूटते हैं। ये वे लोग हैं, जिनकी निगाहें हमेशा दूसरों के संसाधनों पर रहती हैं। वे समाज की मदद करने के बहाने अपनी ही जेब भरते हैं। उनका उद्देश्य केवल अपना लाभ होता है, और इसके लिए वे समाज की जड़ों को कमजोर करते जाते हैं। ये समाज के भीतर छिपे दरिंदे हैं, जो आपके सामने मासूमियत का मुखौटा पहनकर आते हैं, लेकिन मौका मिलते ही...

अंतर्राष्ट्रीय राना थारू समाज मैत्रीपूर्ण सम्मेलन: सांस्कृतिक एकता और संगठनात्मक विस्तार पर जोर

चित्र
अंतर्राष्ट्रीय राना थारू समाज मैत्रीपूर्ण सम्मेलन: सांस्कृतिक एकता और संगठनात्मक विस्तार पर जोर ✍️ राणा संस्कृति मंजूषा अंतर्राष्ट्रीय राना थारू समाज मैत्रीपूर्ण सम्मेलन 28 आश्विन 2081, सोमवार को लखीमपुर खीरी में भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस सम्मेलन का आयोजन थारू जनकल्याण संस्था लखीमपुर खीरी द्वारा किया गया, जिसमें देश-विदेश से अनेक प्रतिष्ठित अतिथि और विशेषज्ञ शामिल हुए। सम्मेलन की अध्यक्षता थारू जनकल्याण संस्था के अध्यक्ष छैलविहारी राना ने की, जबकि अंतर्राष्ट्रीय राना थारू समाज के अध्यक्ष डिल्लू राना और नेपाल से आए विशिष्ट अतिथि डॉ. जीवन राना ने भी इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. जीवन राना ने नेपाल और भारत में बसे राना थारू समुदाय की भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज, और खानपान की समानता पर बल देते हुए कहा कि दोनों देशों के थारू समुदाय को एकजुट होकर एक साझा मंच बनाना चाहिए, जिससे समुदाय के विकास और पहचान को बल मिल सके। नेपाल के सहसंयोजक पदम राना ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संस्था का पंजीकरण कराने के लिए लगभग 70 हजार अमेरिकी डॉलर की मौजनी (संपत्ति) दिखाने की आवश्यकता हो...

न्याय की पुकार

चित्र
div> न्याय की पुकार  ✍️ नवीन सिंह  होते न यदि जय चंद देश में,  तो देश न ऐसे लूटा जाता। होते न यदि समाज लुटेरे,  यह समाज अब तक संभल जाता।। अपने होकर अपनो को लूटे, कब तक लोग सहन  कर पाते। इनको लगते इतने जूते,  खुद वो उनको न गिन पाते।। मूंह लग गया, दूसरों की कमाई पर,  कैसे वे बिन, इसके रह पाते।  यह अच्छा काम नहीं है जग में, लोग भला इनको कैसे समझाते।। समझ न पाया मै इन दानव को,  जो मानव के अन्दर करे निवास। कर वे ईमानी अपने  भरते खजाने,  जिनके खातिर उड़ रहा परिहास।। अब  न सभलेंगे ये दुष्ट,  सत जन को कठोर कदम उठाना होगा।  उदंडता रोकने को इनकी , इनके सीने में तीर चलाना होगा।। जब तीर चले थे रामचंद्र जी के, तब ही था रावन गया मारा।  बन राम आज सभी को बेध तीर से, मिटेगा पाप आज, तभी इस धरा से सारा।।  सिर्फ दशहरा मनाने से,  जग से न भ्रष्ट व्यवहार खत्म होगा।  इनकी उदंडता मिटाने को,  इनके सीने में तीर चलाना होगा।