श्री लबरू सिंह राणा: एक प्रेरणादायक जीवन
श्री लबरू सिंह राणा: एक प्रेरणादायक जीवन
,(श्री सुरजीत सिंह राणा प्रवक्ता राधेहररि इंटर कॉलेज टनकपुर,श्री नरेंद्र सिंह राणा प्रवक्ता एवम श्री नवीन सिंह राणा अध्यापक द्वारा विभिन्न स्रोत से सामूहिक रूप से जानकारी एकत्र की गई)
Written & Published by Naveen Singh Rana
सामान्य परिचय
**नाम:** श्री लबरू सिंह राणा
**पिता का नाम:** स्वर्गीय बृजलाल सिंह राणा
**माता का नाम:** स्वर्गीय लीलावती देवी
**पता:** ग्राम व पोस्ट- भूडाकिशनी, ब्लॉक- खटीमा, जिला- ऊधम सिंह नगर
**जन्म तिथि:** 06.06.1957
**शिक्षा:** इंटरमीडिएट, स्नातक , बीटीसी
---
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
श्री लबरू सिंह राणा जी का जन्म 6 जून 1957 को उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के एक छोटे से गाँव भूडाकिशनी में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही स्कूल में हुई, उसके बाद उन्होंने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा प्राप्त की। शिक्षा के प्रति उनकी रुचि और समाज सेवा के प्रति समर्पण ने उन्हें स्नातक की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।
कार्य अनुभव
शिक्षा के क्षेत्र में उनका सफर 6 जून 1980 को शुरू हुआ जब उन्होंने राजकीय प्राथमिक विद्यालय टुकड़ी बिचवा में सहायक अध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं देनी शुरू कीं। 1981 में उनका स्थानांतरण राजकीय प्राथमिक विद्यालय कुंआ खेड़ा में हुआ। उनकी मेहनत और समर्पण के कारण उन्हें 1990 में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय चारूबेटा में सहायक अध्यापक के पद पर पदोन्नत किया गया।
शिक्षा के प्रति उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए उन्हें 1994 में बीआरसी खटीमा का समन्वयक नियुक्त किया गया। इस पद पर उन्होंने 2016 तक अपनी सेवाएं दीं। और इस पद पर रहते हुए उन्होंने बेहतरीन निर्णय लिए और उत्कृष्ट कार्य किए। वे हमेशा नए अध्यापकों का मार्गदर्शन करते थे।और बाद में उन्हें राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय खटीमा में प्रधानाध्यापक का पद सौंपा गया, जहाँ उन्होंने 2018 तक कार्य किया और फिर इसी विद्यालय से 31 मार्च 2018 को सेवा निवृत्त हुए।
सम्मान एवं पुरस्कार
श्री राणा की सेवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठानों द्वारा सराहा गया है।
**1998-99:** समर्पित शिक्षा परियोजनाओं में उत्कृष्ट कार्य के लिए ₹1000/- का पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र (मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं विशिष्ट बेसिक शिक्षा अधिकारी, ऊधम सिंह नगर)।
-*1999:** विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक अध्ययन/ लेखन अध्ययन की सेवाओं के लिए सम्मान पत्र (प्रशासकीय विद्यालय प्रबंधक संघ)।
- **2001:** प्रकाशित पुस्तकों एवं कथाओं हेतु प्रशस्ति पत्र (राज्य संस्थान केंद्र, शिक्षा, देहरादून)।
- **2006:** सर्व शिक्षा अभियान के उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रथम शिक्षा मेला प्रमाण-पत्र (उत्तरांचल सम्मी के शिक्षा परिषद, देहरादून)।
- **2007:** अनुशासन, प्रियता एवं दृढ़निष्ठा हेतु द्वितीय जनपदीय बाल शिक्षा मेला (जिला परियोजना अधिकारी सर्व शिक्षा अभियान, ऊधम सिंह नगर)।
समाज सेवा का सफर एवं कार्य
श्री राणा ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि समाज सेवा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे राणा थारू परिषद के सदस्य, महामंत्री और संरक्षक के रूप में कार्यरत रहे। और उस समय उन्होंने समाज हित में अनेकों कार्य किए उन्होंने समय समय पर समाज के विभिन्न कार्यों से जुड़े लोगों को समाज हित में कार्य करने हेतु प्रेरित किया और विभिन्न सभाओं के माध्यम से लोगों को संगठित किया उन के विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को हमेशा सराहा गया।
प्रेरक प्रसंग
श्री राणा का जीवन अनेक प्रेरक प्रसंगों से भरा हुआ है। चाहें सेवाकाल हो या समाजिक कार्य, उनका जीवन हमेशा प्रेरणादायक रहा,एक गरीब छात्र जो विद्यालय की फीस नहीं भर पा रहा था, श्री राणा ने उसकी फीस माफ कर दी और उसे पुस्तकें और वर्दी भी प्रदान की। इस घटना ने उनके भीतर की उदारता और दूसरों की मदद करने की भावना को उजागर किया।
समर्पण और योगदान
श्री राणा ने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उनके समर्पण और समाज सेवा के प्रति उनकी अटूट निष्ठा ने उन्हें कभी हारने नहीं दिया। उनकी प्रेरणा, दृढ़ता और सेवा भावना आज भी कई लोगों के लिए मार्गदर्शक है।
जीवन का संकल्प
श्री लबरू सिंह राणा का जीवन शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला रहा है। उनकी सेवाओं और उपलब्धियों को विभिन्न प्रतिष्ठानों द्वारा सराहा गया है और उन्होंने अपने जीवनकाल में कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं। उनका जीवन प्रेरणादायक, रोचक, भावुक, और समाज सेवा के प्रति समर्पित रहा है।
वर्ष 2022.में वे अपने परिवार और समाज के अपने चहेतों को सदा सदा के लिय छोड़ कर परलोक चले गए।
श्री राणा जी का यह जीवनवृत न केवल उनके परिवार और मित्रों के लिए, बल्कि समाज के उस व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है जो शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण योगदान देना चाहता है।
नोट= यदि आप श्रीमान जी के बारे में और जानकारी से परिचित हैं, उनके जीवन के रोचक और प्रेरणादायक प्रसंग जानते हैं तो आप हमे अवगत कराए ताकि हम उपरोक्त में और जोड़ व सुधार कर सकें ताकि उनका जीवन हम सभी और समाज के लिय और अधिक प्रेरक हो सके।धन्यवाद,
राणा संस्कृति मंजूषा की प्रस्तुति
यदि आप इस तरह की श्रेष्ठ जीवनी, कहानी, लेख और कविताएं सबसे पहले पढ़ना चाहते हैं तो हमें फॉलो करें। लाइक करे. हमे उत्साहित करने और सुधार करने हेतु बॉक्स में जाकर फीडबैक दें ताकि हम राणा संस्कृति मंजूषा को राणा समाज की बेहतरीन ऑनलाइन पत्रिका बनाने हेतु प्रयास कर सकें।