"प्रकृति की रक्षा के लिए प्रभु से प्रार्थना"

"प्रकृति की रक्षा के लिए प्रभु से प्रार्थना"
Published by Naveen Singh Rana 

हे प्रभु,

आपके चरणों में नमन करते हुए, मैं अपना सर्वस्व अर्पण करता हूँ। इस लोक में जो भी है, वह सब आपका ही है। आप ही इस सम्पूर्ण ब्रह्मांड के मालिक हैं, और हम सब आपके ही अंश हैं। आपसे विनती है कि आप हमें सद्बुद्धि, विवेक और धैर्य प्रदान करें ताकि हम इस धरती की रक्षा कर सकें।

हे प्रभु, इस सम्पूर्ण विश्व में रहने वाले सभी मानव जीवों को ऐसी मानसिकता प्रदान करें कि वे इस धरती के महत्व को समझें। जल, वायु और भूमि, ये तीनों ही हमारे जीवन के आधार हैं। अगर ये सुरक्षित रहेंगे, तभी हमारा अस्तित्व संभव है। हमें जल संसाधनों की महत्ता का भान हो, वायु की शुद्धता की जरूरत महसूस हो और इस धरती की समृद्धि का मूल्यांकन कर सकें। 

प्रभु, हमें यह ज्ञान दें कि हम अपने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाएं। प्रकृति का सौंदर्य हमें प्रेरित करता है, हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए। वृक्षों का रोपण करें, जल का संरक्षण करें, वायु प्रदूषण को कम करें और भूमि को स्वच्छ रखें। 

प्रकृति का प्रत्येक तत्व, चाहे वह नदियाँ हों, पर्वत हों, जंगल हों या जीव-जंतु, सब हमारे लिए अनमोल हैं। हमें इन्हें बचाने का संकल्प लेना चाहिए। हमें अपनी जीवनशैली को प्रकृति के अनुकूल बनाना चाहिए ताकि हम और आने वाली पीढ़ियाँ इस धरती पर सुख-समृद्धि से रह सकें।

हे प्रभु, हमारी प्रार्थना स्वीकार करें और हमें वह शक्ति दें कि हम इस धरती की सुरक्षा के लिए अपने प्रयासों को साकार कर सकें। हमें एकजुट होकर इस मिशन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दें ताकि यह धरती सदैव हरी-भरी और समृद्ध बनी रहे।

प्रभु, आपके आशीर्वाद से हम यह कार्य संपन्न कर सकें, यही हमारी प्रार्थना है।
नवीन सिंह राणा 

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