कीर्तिवान राणा के वंशज(श्रीमती पुष्पा राणा जी वरिष्ठ प्रबंधक केनरा बैंक लखनऊ जी की बेहतरीन रचना)
कीर्तिवान राणा के वंशज
: श्रीमती पुष्पा राणा जी की बेहतरीन रचना
Published by Naveen Singh Rana
काल का तू काल बन।
त्रिदेव महाकाल बन।।
तू दृष्टा त्रिकाल बन।
राह की मशाल बन।।
तू ज्ञान के लिए मचल।
कदम दर कदम चल।।
मजबूत कर आत्मबल।
छूने को आशमा निकल।।
अभिमान कर तू वंश पर।
"हूं "महाराणा के अंश पर।।
क़दम एक बढा जिधर।
मुड़ेगी राह भी उधर।।
ध्वज फहरा जीत का।
आगाज़ नयी रीत का।
स्वयं तू कीर्तमान बन।।
अनन्त शौर्यवान बन।।
चन्द्र तू ही सूर्य तू।
तू ही आसमान है।।
प्रदीप्त श्रेष्ठ मेधा से ।
आलोकित जहान है।।
स्वप्न अपने आप बुन।
स्वयं अपनी राह चुन।।
रहे दिल में एक धुन।
जीत का संगीत सुन।।
कल न आयेगा कभी।
जो करना , कर अभी।।
विजय मिलेगी तभी।
करेंगें जयकार सभी।।