बरसात के मेहमान: एक प्रेरणादायक कहानी

बरसात के मेहमान: एक प्रेरणादायक कहानी
Published by Naveen Singh Rana 

    बिलहरी के एक गांव के किनारे एक छोटा सा घर था, जिसमें रमेश सिंह राणा और उसकी पत्नी रमा देवी अपने बच्चों राजू और मीनू के साथ रहते थे। बरसात का मौसम आ चुका था और हर तरफ हरियाली फैल गई थी। बच्चे खूब मस्ती कर रहे थे, लेकिन एक रात कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे परिवार को चौंका दिया।

   रात के समय जब सभी सो रहे थे, रमा देवी ने अचानक कुछ आवाजें सुनीं। उसने उठकर देखा तो पाया कि रसोई में एक बड़ा सा सांप रेंग रहा है। काला काला सा, फुफकार रहा था, रमादेवी ने तुरंत रमेश सिंह राणा को जगाया और बच्चों को सावधानी से उठाकर कमरे के एक कोने में बैठा दिया।

रमेश सिंह ने बच्चों को समझाते हुए कहा, "डरो मत, हम इसे सही तरीके से संभालेंगे।" फिर उन्होंने यह उपाय अपनाया:
 सबसे पहले, रमेश सिंह ने सभी को शांत रहने के लिए कहा। किसी भी जानवर को देख कर हड़बड़ाना नहीं चाहिए क्योंकि इससे जानवर और भी आक्रामक हो सकता है।
 रमेश सिंह ने सभी को एक सुरक्षित कोने में बैठा दिया और बच्चों को कहा कि वे वहां से बिल्कुल भी न हिलें।
: रमेश ने समझाया कि किसी भी कीड़े-मकोड़े या सांप को छेड़ना नहीं चाहिए। अगर वे अपने रास्ते चले जाएं तो उन्हें जाने देना चाहिए।
उस ने तुरंत जंगल विभाग के सर्प विशेषज्ञ को बुलाया, जो सांपों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोड़ने में माहिर था। विशेषज्ञ ने आकर सांप को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल दिया। और उसे पकड़ कर ले गय।
अगले दिन, रमेश सिंह राणा ने बच्चों को कुछ महत्वपूर्ण बातें सिखाईं:
घर के आसपास और अंदर सफाई रखना बहुत जरूरी है। कीड़े-मकोड़े और सांप गंदगी में ही पनपते हैं।
 रमेश ने घर की सभी खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाई ताकि कोई भी कीड़ा या सांप अंदर न आ सके।
 कूड़ा-कचरा हमेशा ढक कर रखना चाहिए और सही जगह पर फेंकना चाहिए ताकि उसमें कीड़े न आएं।
: उस ने घर के आस-पास पानी का जमाव नहीं होने देने की सलाह दी क्योंकि बरसात में यही पानी मच्छरों और कीड़ों को आकर्षित करता है।

राजू और मीनू ने ये सब बातें ध्यान से सुनीं और वादा किया कि वे हमेशा इन बातों का ध्यान रखेंगे। इस घटना के बाद, उनके घर में फिर कभी कोई सांप या खतरनाक कीड़ा नहीं आया। उन्होंने सीखा कि कैसे सावधानी और सही उपायों से किसी भी समस्या को हल किया जा सकता है।

इस कहानी से राजू और मीनू ने यह सीखा कि किसी भी विपरीत परिस्थिति में धैर्य और सूझबूझ से काम लेना चाहिए। साथ ही, सफाई और सतर्कता बरतने से हम और हमारा घर सुरक्षित रह सकते हैं।
राणा संस्कृति मंजूषा की प्रस्तुति 

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