"सत्य के मार्ग पर ईश्वर से प्रार्थना"




"सत्य के मार्ग पर ईश्वर से प्रार्थना" 
:नवीन सिंह राणा 


हे ईश्वर, 
सत्य और असत्य का आमना-सामना हर युग में हुआ है, और आपने हर युग में हमें दिखाया है कि विजय सत्य की ही होती है। वेदों ने, पुराणों ने इस बात के हमेशा प्रमाण दिए हैं। रामायण और गीता ने हमें यह सिखाया है कि सत्य का मार्ग कठिन हो सकता है, लेकिन इस पर चलने वाला व्यक्ति ही सच्ची विजय प्राप्त करता है।

हे प्रभु, जब सूर्योदय के समय सुनहरे किरणें प्रकृति को अपनी सुंदरता से भर देती हैं, तब मुझे आपका स्मरण होता है। जैसे नदी अपने मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को पार करके सागर में मिल जाती है, वैसे ही आप मुझे भी सत्य के मार्ग पर चलते हुए मेरी मंजिल तक पहुंचने की शक्ति दें।

जैसे पेड़ अपनी जड़ों से मजबूती पाते हैं, वैसे ही मुझे भी आपके ज्ञान और प्रेम की जड़ों से शक्ति मिले। जैसे फूल अपनी सुगंध से वातावरण को महकाते हैं, वैसे ही मेरी सोच और कर्म भी सत्य और सद्गुणों से महक उठे।

प्रभु, मुझे साहस दें कि मैं कठिनाइयों के सामने झुकूँ नहीं। मुझे धैर्य दें कि मैं सत्य के मार्ग पर अडिग रह सकूँ। जैसे जंगल में बहती हवा अपने रास्ते में आने वाले हर पत्ते को छूकर आगे बढ़ती है, वैसे ही मैं भी हर परिस्थिति में आपके मार्गदर्शन से प्रेरित होकर आगे बढ़ सकूँ।

हे ईश्वर, आप मेरे मन को शुद्ध और निर्मल रखें। सत्य के प्रकाश में मुझे अज्ञानता और भ्रम से मुक्त करें। आपका आशीर्वाद और मार्गदर्शन ही मेरे जीवन की हर यात्रा का पथप्रदर्शक बने।

हे प्रभु, सत्य के इस अनंत पथ पर चलने में मेरी सहायता करें और मुझे मेरी मंजिल तक पहुंचाएं। आप ही मेरे संरक्षक और मार्गदर्शक हैं। सत्य की इस यात्रा में आपका सान्निध्य और आशीर्वाद मुझे प्राप्त हो, यही मेरी प्रार्थना है।

आपके चरणों में 
नवीन सिंह राणा 

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