वीरता और श्रद्धा का प्रतीक: महाराणा प्रताप की कुलदेवी सुंधा माता मंदिर(ऐतिहासिक एवं यात्रावृत पुस्तकों के आधार पर वर्णित,,)
वीरता और श्रद्धा का प्रतीक: महाराणा प्रताप की कुलदेवी सुंधा माता मंदिर(ऐतिहासिक एवं यात्रावृत पुस्तकों के आधार पर वर्णित,,)
Published by Naveen Singh Rana
सुंधा माता मंदिर राजस्थान के जालौर जिले के दांतलावास गांव के पास स्थित एक ऐतिहासिक और पौराणिक तीर्थस्थल है। यह मंदिर अरावली पर्वतमाला की सुंधा पहाड़ी पर स्थित है, जो अपनी अद्वितीय धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता के लिए जाना जाता है।
सुंधा माता मंदिर
सुंधा माता का मंदिर राजस्थान के जालौर जिले से लगभग 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप भीनमाल से यात्रा कर रहे हैं, तो यह स्थान करीब 35 किलोमीटर दूर है। मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको रानीवाड़ा तहसील के दांतलावास गांव से गुजरना होगा।
मंदिर की विशेषता
सुंधा माता मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां देवी की प्रतिमा बिना धड़ के है, जिसके कारण उन्हें अधदेश्वरी भी कहा जाता है। अरावली पर्वतमाला की इस पहाड़ी का नाम सुंधा है, इसलिए देवी को सुंधा माता के नाम से भी जाना जाता है।
पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व
सुंधा माता मंदिर का पौराणिक महत्व त्रिपुर राक्षस का वध करने के लिए आदि देव की तपोभूमि के रूप में माना जाता है। इतिहास में यह उल्लेख मिलता है कि महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी के युद्ध के बाद विपत्ति के दिनों में सुंधा माता की शरण ली थी। इसलिए सुंधा माता महाराणा प्रताप की कुलदेवी भी मानी जाती हैं।
मंदिर की यात्रा
मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको एक रोमांचक यात्रा करनी पड़ती है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए एक सीढ़ीनुमा मार्ग बना हुआ है, जो आपके साहस और दृढ़ता की परीक्षा लेता है। इस यात्रा के दौरान आप प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं और अरावली पर्वतमाला के अद्भुत दृश्यों का अनुभव कर सकते हैं।
धार्मिक महत्ता
सुंधा माता मंदिर एक धार्मिक स्थल के रूप में भी महत्वपूर्ण है, जहां देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियों को लाया जाता है और उन्हें यहां स्थापित किया जाता है। भक्तों का विश्वास है कि इस स्थान पर आकर उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और वे देवी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
समापन
सुंधा माता मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह स्थान अपने ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के कारण भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां की यात्रा न केवल आपके धार्मिक विश्वासों को मजबूत करती है, बल्कि आपको इतिहास और पौराणिक कथाओं से भी जोड़ती है। अगर आप राजस्थान की यात्रा कर रहे हैं, तो इस मंदिर की यात्रा अवश्य करें और देवी सुंधा माता का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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