राणा समाज और विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस: हमारे बुजुर्गों के सम्मान और संरक्षण की आवश्यकता

**राणा समाज और विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस: हमारे बुजुर्गों के सम्मान और संरक्षण की आवश्यकता**
Published by Naveen Singh Rana 
 संपादकीय 
,""राणा संस्कृति मंजूषा ""

हमारे समाज की नींव और संस्कृति की धरोहर, हमारे बुजुर्ग, आज एक नई चुनौती का सामना कर रहे हैं। 15 जून को मनाया जाने वाला "विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस" हमें इस गंभीर समस्या की याद दिलाता है और हमें आत्ममंथन करने का अवसर प्रदान करता है। राणा समाज, जो अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, आज एक जिम्मेदारी के मोड़ पर खड़ा है। 

हमारे बुजुर्ग, जिन्होंने अपने ज्ञान, अनुभव और बलिदान से हमारे समाज को समृद्ध किया है, वे अब संरक्षण और सम्मान के हकदार हैं। यह अत्यंत दुखद है कि आज कई बुजुर्गों को दुर्व्यवहार, उपेक्षा और अकेलेपन का सामना करना पड़ता है। यह केवल एक सामाजिक समस्या नहीं है, बल्कि यह हमारी नैतिकता और संस्कृति पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न है। और गहराई से देखा जाय तो कुछ और भी, जिसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता,, सिर्फ विचार किया जा सकता है।

राणा समाज में, जहां परंपराएं और रीति-रिवाज पीढ़ियों से पीढ़ियों तक संजोए गए हैं, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे बुजुर्गों का आदर और सुरक्षा सर्वोपरि हो। हमारे समाज के बुजुर्ग हमारे परिवारों के स्तंभ हैं, जिन्होंने हमें सही और गलत का भेद सिखाया है, हमें जीवन की कठिनाइयों से लड़ने का हौंसला दिया है। अब समय आ गया है कि हम उनके योगदान को पहचानें और उन्हें वह सम्मान दें जिसके वे पात्र हैं।

बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार कई रूप ले सकता है - शारीरिक, मानसिक, आर्थिक या भावनात्मक। इस दुर्व्यवहार को रोकने के लिए सबसे पहले हमें इस समस्या की गंभीरता को समझना होगा और इसके प्रति जागरूकता फैलानी होगी। हमें अपने परिवारों और समुदायों में बुजुर्गों की सुरक्षा और भलाई को प्राथमिकता देनी होगी। 

राणा समाज में, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बुजुर्गों की आवाज सुनी जाए, जो वर्षो से सुनी जाती रही है,उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाए और उन्हें एक गरिमामय जीवन जीने का अधिकार मिले। इसके लिए हमें सामुदायिक कार्यक्रमों, जागरूकता अभियानों और बुजुर्गों के समर्थन के लिए विभिन्न उपायों को अपनाना होगा।

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस हमें यह सिखाता है कि बुजुर्गों का सम्मान केवल एक दिन का कार्य नहीं है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। यह हमें याद दिलाता है कि समाज की वास्तविक प्रगति तभी संभव है जब हम अपने बुजुर्गों की देखभाल और उनके सम्मान को सर्वोपरि मानें।

आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम अपने बुजुर्गों के सम्मान, सुरक्षा और भलाई के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। राणा समाज को अपने बुजुर्गों पर गर्व है, और यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें वह सम्मान और प्यार दें जिसके वे हकदार हैं। यही हमारी संस्कृति की सच्ची पहचान है।

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