✨🌟✨🌟✨🌟✨🌟✨🌟✨🌟🌟✨✨राणा थारू समाज और पिता दिवस: एक संपादकीय✨🥀✨🥀✨🌟✨✨✨🥀✨🥀🌟🥀✨✨🌟✨✨🥀✨✨🥀✨🥀✨✨🌟✨
राणा थारू समाज और पिता दिवस: एक संपादकीय
Published by Naveen Singh Rana
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संपादकीय
🪔"राणा संस्कृति मंजूषा "🪔
🥀🥀राणा समाज की एकमात्र बेहतरीन ऑनलाइन पत्रिका 🥀🥀
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कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता,
कभी धरती तो कभी आसमान है पिता
जन्म दिया है अगर मां ने
जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता,
कभी कंधे पे बिठाकर मेला दिखता है पिता,
कभी बनके घोड़ा घुमाता है पिता,
मां अगर मैरों पे चलना सिखाती है,
तो पैरों पे खड़ा होना सिखाते हैं पापा
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पिता दिवस एक ऐसा अवसर है व हर वर्ष जून माह के दूसरे रविवार को मनाया जाता है,जो हमें अपने जीवन में पिता की महत्वपूर्ण भूमिका का स्मरण कराता है। यह दिन पिता के प्रति सम्मान, प्रेम और आभार व्यक्त करने का सुअवसर है। राणा थारू समाज, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक मूल्यों के लिए जाना जाता है, पिता दिवस को अपने अद्वितीय ढंग से मनाना चाहिए है। यह हमारा समाज अपने परंपराओं में पिता के मान-सम्मान, देखभाल, संस्कार और शिक्षा के महत्व को विशेष स्थान देता रहा है। आओ आज के अवसर पर हम सभी अपने अपने पिता जी को वह सम्मान दे और इसे बनाए रखें जिसके वे सच्चे हकदार हैं।
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मान-सम्मान
🌹✨पिता के बिना जिंदगी वीरान है,✨🌷
🌷सफर तन्हा और राह सुनसान है।🌷
✨वही मेरी जमीं वही आसमान है,✨
🥀वही खुदा वही मेरा भगवान है।🥀
राणा थारू समाज में हर परिवार में पिता को परिवार का स्तंभ माना जाता है। उनकी भूमिका केवल एक पालक के रूप में ही नहीं बल्कि एक मार्गदर्शक और संरक्षक के रूप में भी होती है। इस समाज में बच्चों को बचपन से ही अपने पिता के प्रति आदर और सम्मान का भाव सिखाया जाता है। पिता दिवस के अवसर पर बच्चों द्वारा अपने पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लेना और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करना एक प्रचलित परंपरा को शामिल कर इसे आदत में शामिल करने की जरूरत है। यह सम्मान केवल औपचारिकता नहीं बल्कि दिल से होता है, जो पिता और संतान के बीच के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है।
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देखभाल
🌷🌷मन की बात जो पल में जान ले,🌷🌷
✨✨आंखों से जो हर बात पढ़ ले।✨✨
🌹दर्द हो या खुशी, हर बात को पल में जान ले।🌹
🌺पापा ही तो है, जो आपको बेपनाह प्यार दे।🌺
राणा थारू समाज में पारिवारिक देखभाल की परंपरा अत्यंत महत्वपूर्ण है। पिता परिवार के आर्थिक और सामाजिक कल्याण का ख्याल रखते हैं। वे अपने बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं। पिता दिवस पर हर बच्चों को अपने पिता के इस योगदान को सराहते हुऐ सम्मान देना चाहिए और उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुऐ उनके मन में खुशी देना हैं। यह दिन हमे अपने पिता की देखभाल और सेवाओं के प्रति संवेदनशील होने का संदेश देता है।
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संस्कार
✨✨🌷🌷जो मजा पापा के कंधों पर झूलने में आता था, वो मजा पार्क के झूलों में कहां है।🌷🌷✨✨
संस्कारों का महत्त्व राणा थारू समाज में विशेष रूप से देखा जाता है। पिता को बच्चों में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का संचार करने वाला प्रमुख व्यक्ति माना जाता है। वे अपने बच्चों को सही और गलत का भेद सिखाते हैं और समाज के प्रति उनके कर्तव्यों का बोध कराते हैं। पिता दिवस इस बात की याद दिलाता है कि पिता द्वारा दिए गए संस्कार जीवनभर हमारे साथ रहते हैं और हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
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शिक्षा
राणा थारू समाज में शिक्षा को उच्च प्राथमिकता दी जाती है। पिता अपने बच्चों की शिक्षा के लिए अत्यधिक प्रयत्नशील रहते हैं, उन्हें बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करते हैं। पिता दिवस के अवसर पर बच्चे अपने पिता की इस महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुऐ आदर करना हैं और उनकी मेहनत और संघर्ष को सराहना हैं।
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निष्कर्ष
🌟🌟पिता वह आसमां है, जिनका साया दुख में भी छाया देता है, 🌟🌟
🌷🌷 और सुख में भी पिता भगवान का वह आशीर्वाद है, 🌷🌷
🥀🥀जो जिंदगी में असफल होने
पर भी मिलता है,🥀🥀
🌼🌼और सफल होने पर भी 🌼🌼
पिता दिवस राणा थारू समाज में पिता के प्रति आभार व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिन न केवल पिता के मान-सम्मान, देखभाल, संस्कार और शिक्षा में उनकी भूमिका को उजागर करता है, बल्कि संतान-पिता के रिश्ते को और भी सुदृढ़ करता है। यह समाज अपने परंपराओं और मूल्यों को बनाए रखते हुए पिता दिवस को एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाता है, जो आने वाली पीढ़ियों को परिवार और समाज के प्रति उनके कर्तव्यों का बोध कराता है। आओ मिलकर हम सभी इस अवसर पर अपने अपने पिता को मान सम्मान दे और स्वयं को सम्मानित महसूस करें। धन्यवाद
संपादक
राणा संस्कृति मंजूषा
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