कालू बर्दिया बाबा भाग 3

कालू बर्दिया के जीवन के कुछ रोचक किस्से , एक बार कालू बर्दिया जी अपने जीवन यापन का साधन किसानी करते हुए खेत में हल चला रहे थे, तभी उधर से कुछ निकले और चलते चलते उन्होने कालू बर्दिया बाबा का पीने का पानी जो उन्होने एक धीमरी में अपनी शक्ति से रखा हुआ था उठा कर ले गए।धीमरी बांस की पतली पतली खपचीयों से बना हुआ लकड़ी का ढांचा होता है जिसका उपयोग नदी नालों में मछली पकड़ने में किया जाता है, जब कालू बर्दिया बाबा जी हल चलाते चलाते थक गए और उनको प्यास लगी तो वे अपना पानी पीने उस जगह गए जहां पर उन्होंने वह धीमरी रखी थी, बाबा को जब वह। धीमरी दिखाई नही दी, उसे तालाश किया तो देखा तो उसमे से पानी बह गया है और वह खाली थी, तब उन्होने अपनी शक्ति से भांप लिया कि किन लोगों ने कालू बर्दिया बाबा जी से मजाक किया है, उन्हें गुस्सा आ गया, कालू बर्दिया बाबा जी ने अपनी शक्ति से उनको तलाश किया, उन्होने अपनी दिव्य दृष्टि से देखा कि वे नट गडूआ जो जादू का खेल दिखाते थे उन्होनें कालू बर्दिया बाबा से मजाक किया है और अपनी जादू की शक्ती का दुरुपयोग किया है। बाबा जी ने अपनी शक्ति से उनको सबक सिखाने का फैसला किया और उस नट गडुआ जिसने लोगों को अपना जादू का खेल दिखाते हुए अपने बेटे की गर्दन काटी हुई दिखाई थी कालू बर्दिया बाबा जी ने अपनी शक्ति से उसे कुछ देर के लिए आत्मा को कैद कर लिया, वह नट गदुआ बार बार कोशिश करता लेकिन उसका बेटा जीवित नहीं हुआ, उसने अपनी शक्ति से भांप लिया कि किसी ने जो उससे भी अधिक शक्ति शाली है यह काम किया है और वह रोता बिलखता आदमी ने कालू बर्दिया बाबा के पास पहुंचा और माफी मांगने लगा, कालू बर्दिया बाबा जी को दया आ गई उन्होंने उसे हिदायत दी कि फिर कभी अपनी शक्ति का दुरुपयोग मत करना वरना उसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।उस आदमी ने साफ साफ सारी कहानी बता दी उसने बताया कि आपकी शक्ति और परसिद्धि से लोगों को परेशानी होती है इसलिए उन्होने उसको यहां भेजा था, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। कालू बर्दिया बाबा जी बहुत ही नेक इंसान थे चाहते तो तुरंत ही उसका दंड दे देते, लेकिन माफ करते हुए कहा चलो हम तुम्हारे बेटे को जीवन दान देते हैं और उसे जीवित कर दिया कालू बर्दिया बाबा जी ने कहा मारने वाले से बड़ा काम जीवन देना होता है इसलिए अब कभी भी अपनी शक्ति का प्रयोग किसी के साथ मजाक में मत करना। और उसे माफ कर दिया, ऐसे महान थे हमारे इष्ट देव कालू बर्दिया बाबा जी। इन पंक्तियों को अच्छी तरह से कहानी के रूप में अच्छी तरह से लिखो *

*कालू बर्दिया बाबा: दयालुता और शक्ति की प्रतिमा की गाथा भाग 3

कालू बर्दिया बाबा के जीवन के ये अनोखे किस्से अमूल्य ज्ञान और प्रेरणा से भरे हैं। उनकी दिव्य शक्ति और अनूठी उदारता उन्हें अन्याय के खिलाफ सजग बनाती रही है।

**धीमरी का पानी:**
एक बार, कालू बर्दिया बाबा खेतों में हल चला रहे थे, जब उन्होंने अपनी प्यास बुझाने के लिए अपनी धीमरी में रखा पानी पीने के लिए देखा। परंतु, जब उन्होंने वहां पहुंचा, तो उन्हें देखा कि पानी उड़ चुका है। उन्होंने जाना कि यह एक शरारती नाटकीय खेल था।

**शिक्षा का प्रदर्शन:**
कालू बर्दिया बाबा ने अपनी शक्ति से उन नाटकीय नाटककारों को पकड़ा और उन्हें एक सख्त सबक सिखाया। उन्होंने उन्हें उनके हरकतों की सजा दी और उन्हें यह शिक्षा दी कि शक्ति का दुरुपयोग करने का क्या परिणाम होता है।

**दयालुता की जीत:**
कालू बर्दिया बाबा ने अपनी दयालुता और महानता की जीत दर्शाई। उन्होंने उन नाटकीय नाटककारों के परिवार को दया देकर उनको जीवन का दान दिया।

**सच्ची महानता:**
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्ची महानता उसे होती है, जो दयालुता, सहानुभूति, और शक्ति को सही तरीके से उपयोग करता है। कालू बर्दिया बाबा की कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें हमेशा दूसरों के प्रति सच्ची मानवता और दयालुता बनाए रखनी चाहिए।

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