Mother's day 2024 मातृ दिवस: एक विमर्श written and published by Naveen Singh Rana

मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 

Written and published by Naveen Singh Rana 


 
मां शब्द विशाल है 
जिसमे बसा संसार।
मां से जीवन मिलता 
महिमा है अपार।।1।।

मां ही है जननी ,
मां ही ह्रदय से लगाकर ,
स्नेह है लुटाती।।
मां ही है रक्षक ,
तलवार उठाकर भी मां ,
लाल को है पुचकारती।।
मां ही है गुरु ,
ज्ञान देकर गोद में ,
जीवन है सवारती।।3।।

मां शब्द विशाल है 
साक्षात देवी की मिशाल है ।

वेदों ने भी मां को ,
स्वर्ग से बढ़ कर कहा।
मां ही है वह जिसने ,
सुख देकर दुःख सहा ।।
इस देवी जैसी मां का 
सम्मान हर नंदन करे।
वात्सल्य मय मां का 
आओ चरण वंदन करे ।।
आओ चरण वंदन करे।।4।।

     वाकई मे मां एक ऐसा शब्द है जो हृदय के गहराइयों से निकल कर असीम वात्सल्य मई ममता से सराबोर कर देता है, ब वेदों और पुराणों में मां शब्द की इतनी अधिक व्याख्या की गई है जिसे शब्दों में यहां लिख पाना संभव नहीं है।
        मां का अर्थ सिर्फ जन्म देने वाली मां से नही है ,मां तो वह भी है जो पालन पोषण करती है, मां वह भी है जो ममता लुटाती है, मां वह भी है जो निस्वार्थ भाव से वात्सल्य प्रेम लुटाती है और त्याग से परिपूर्ण होती है। मां शब्द की महिमा अपार है मां का वात्सल्य प्रेम सभी सुखों में श्रेष्ठ है जिसे पाने के लिय स्वर्ग के देवता भी लालायित रहते हैं और जब भी अवसर मिलता है वे धरती पर जन्म लेते हैं। क्योंकि मां का स्नेह सिर्फ धरती मां की गोद में जन्म लेने से ही नसीब होता है स्वर्ग या पाताल में जन्म लेने वाले शायद इस स्नेह से वंचित हैं ।

       वेदों और पुराणों में मां शब्द की महत्ता को इसलिए भी बहुत अधिक महत्व दिया गया है क्योंकि मां अपनी संतान को वे संस्कार देती है जिससे बड़ा होकर वह समाज में अपनी पीढ़ियों का नाम रोशन करता है। अपना नाम रोशन करता है।
       वेदों में मां अनसुइया का नाम जितने सम्मानसे लिया जाता हैं उतना ही अंजना मईया का भी।उसी प्रकार श्री राम जी की बात करे या श्री कृष्णजी की ,उनके इतने महान होने में मां कौशल्या और मां यशोदा का नाम भी उतने प्रेम से लिया जाता है।
 वीर शिवाजी को इतना वीर बनाने में उनकी मां जीजाबाई का ही स्वरूप था और एक मां पन्ना धाय भी थी जिसमे असीम त्याग था ।महाराणा प्रताप सिंह जी को इतनी वीरता, शोर्य, स्वाभिमान बनाने में उनकी मां जयवंता बाई का ही योगदान रहा। और चाहें बात करे स्वतंत्रता के दूत महात्मा गांधी जी की तो उनकी मां पुतली बाई जी का नाम आता है ।और चाहें बात करे आजाद हिन्द फौज के प्रणेता सुभाष बाबू का तो उनकी मां प्रभावती का नाम किसी से छिपा नहीं।
 इतिहास और पुराणों में ऐसी अनगिनत माएं है जिन्होंने विश्व को एक से बढ़कर एक महान योद्धा, विद्वान, लेखक, कवि और योगी यों को जन्म दिया और उन्हें इतिहास के पन्नों मे अजर अमर कर दिया।इसलिए हर मां का यह दायित्व है कि वह आज के समय में अपने अपने बच्चों को ऐसे संस्कार दे कि वे बढ़े होकर समाज निर्माण में अपना योगदान दें, कोइ भी ऐसा कार्य बच्चे न करें जिनके कारण शर्मिंदा होना पड़े,ऐसी शिक्षा मां ही अपने लाल को दे सकती है वह ही उसे वह दिशा दे सकती है।

          कहने का तात्पर्य है कि मां ही अपने बेटा या बेटी को जैसा बनाना चाहती है बच्चा बड़ा होकर वैसा ही बन जाता है। इसलिए ही मां की जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है
आज यदि हम सभी जो है जहां है वह मां की सेवा पूर्ण परवरिस ही थी। 
           आज भले ही समाचार पत्रों में मां शब्द की गरिमा पर अछेप लगते रहते हैं लेकिन फिर भी मां की महिमा कम नहीं हुई है। और युगों युगों तक रहेगी।
         इसलिए हम सभी का भी यह दायित्व बनता है कि हम सभी अपनी मां और पिताजी का ख्याल रखें, उनकी जरूरतों का ख्याल रखें,अभी और तब भी जब उनको हमारी अधिक जरूरत हो।अपने व्यस्त जीवन में से कुछ वक्त उनके लिए भी निकाले। हम भले ही आज सफलता की ऊंचाई पर हों उस ऊंचाई तक पहुंच बनाने में उस मां का ही स्नेह रहा है। इसलिए आओ मिलकर मां दिवस (मदर्स डे)पर प्रण ले कि अपनी मां का ख्याल रखे उनसे प्यार से बोले उनकी जरूरतों का ख्याल रखें यही उनके लिए सबसे बड़ी खुशी है ।
आप सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 
नवीन सिंह राणा 



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