""काश मेरी लाडली तुम भी.......,""The sound of heart of a father for their daughter, forever' ""


""काश मेरी लाडली तुम भी.......,""
The sound of heart of Naveen Singh Rana 

तुम्हारी मुस्कान में चमकता था सितारा,
तुम्हारी आंखों में सपनों का था उजियारा।
हर वर्ष हम मिलते रहे इस सम्मान के समारोह में,
मेरे दिल को गर्व से भरने वाली, मेरी प्यारी बिटिया, तुम ही थी।

पर इस बार, एक दर्द का बादल छा गया,
तुम्हारे स्वास्थ्य ने हमें, अचानक से रुला गया।
देख नहीं सकती, सुन नहीं सकती, बोल नहीं पाती अब तुम,
मेरे दिल की धड़कन हो, फिर भी तुम्हारी हर धड़कन सुनता हूं मैं।

तुम्हारे  साथ होने से भी कितना सूना है, मेरे लिए 
तेरी हंसी के बिना ये संसार कितना रूखा है, मेरे लिए 
कभी तुमने ही चमकाई थी ये शामें,
आज तुम्हारे बिना बोले, दिल में है सिर्फ बिना खुशी कीहोती हैं बातें।

मेरी लाडली, मेरी उम्मीदों की डोरी हो तुम,
तुम्हारी यादें बचपन की सजीव हैं, जैसे कोई पवित्र सी कहानी।
मैं जानता हूं, ये वक्त है कठिनाई का भले हो,
पर तुम्हारे साहस में है, एक नई रौशनी की परछाईं।

तुम्हारी संघर्ष की गाथा, हम सबको सिखाएगी,
कि हर अंधेरे के बाद, नई सुबह भी आएगी।
कोई उत्सव हो या जीवन का सफर,
तुम्हारी हिम्मत ने हमें जीना सिखा दिया, दे सबसे बेशकीमती नज़र।

तुम्हारे बिना ये सफर अधूरा है, पर तुम्हारी यादें पूरी हैं,
तुम्हारी हर मुस्कान, हर आंसू, मेरे दिल की धड़कन में झांकती हैं।
तुम्हारे लिए मेरी दुआएं, मेरी प्रार्थनाएं, निरंतर चलेंगी, कि तुम ठीक हो जाओ , स्वस्थ हो जाओ,
अपने लिए और सिर्फ़ मेरे लिए ,
क्योंकि तुम मेरी हिम्मत हो, मेरी बेटी हो।
तुम्हारी जीत की कहानी, हर दिल को रोशनी से भर देगी।
मुझे नई जिन्दगी मिल जायेगी, मुझे नई जिन्दगी मिल जायेगी।
""Heartly feelinghs for my daughter, forever"" 
By Naveen Singh Rana 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

राणा एकता मंच बरेली द्वारा अयोजित वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप सिंह जयंती कार्यक्रम published by Naveen Singh Rana

**"मेहनत और सफलता की यात्रा: हंसवाहिनी कोचिंग की कहानी"**

राणा समाज और उनकी उच्च संस्कृति written by shrimati pushpa Rana