""राणा थारू समाज की प्रेरणा दायक कहानी ""

**राणा थारू समाज की प्रेरणादायक कहानी**
: नवीन सिंह राणा 

     तराई के घने जंगलों से लगती हुई एक छोटी सी बस्ती, जो राणा थारू समाज का एक गांव था वहाँ प्रकृति के अद्वितीय सौंदर्य के बीच जीवन का एक अनमोल पाठ प्रतिदिन पढ़ाया जाता था। इस समाज में हर व्यक्ति जानता था कि जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु है, जिसे कभी भी झुठलाया नहीं जा सकता। इसी सत्य को ध्यान में रखते हुए यहाँ के लोग धर्म और पुण्य का पालन करते थे।
इस बस्ती में एक वृद्ध महिला, रमा देवी रहती थी। उसकी आँखों में जीवन का लंबा अनुभव और हृदय में अपार स्नेह था। वह हमेशा बच्चों को शिक्षा देती कि "हम इस संसार में जितने दिन भी रहें, हमें ऐसा कार्य करना चाहिए कि हमारे जाने के बाद दुनिया हमें याद रखे।"

रमा देवी का जीवन अपने आप में एक प्रेरणा था। उसने अपने जीवन में हर मुश्किल का सामना हिम्मत और धैर्य से किया। आयुर्वेदिक उपचार चिकित्सा और आध्यात्मिक उपचार चिकित्सा द्वारा उसने समाज के हर व्यक्ति की मदद की और हमेशा उन्हें सच्चाई और ईमानदारी के मार्ग पर चलने की सलाह दी।

एक बार, जब बस्ती में बाढ़ आई, तो रमा देवी ने अपनी जान की परवाह किए बिना बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने का कार्य किया। उसने न केवल अपनी बस्ती के लोगों की मदद की, बल्कि आस-पास के गांवों से आए लोगों की भी सहायता की। उसकी इस निस्वार्थ सेवा ने उसे सभी के दिलों में एक विशेष स्थान दिलाया।

     रमा देवी की शिक्षाएं और उसके द्वारा किए गए कार्यों ने समाज के हर व्यक्ति पर गहरी छाप छोड़ी। उसने हमेशा कहा, "हमारा कर्तव्य है कि हम धरती पर रहने वाले हर जीव के प्रति प्रेम और दया का भाव रखें। हमें अपने कार्यों से धरती को सुंदर बनाना है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भी इस सुंदरता का आनंद ले सकें।"

रमा देवी के निधन के बाद, पूरी बस्ती शोक में डूब गई, लेकिन उन्होंने उसकी शिक्षा और उसकी बताई राह को अपने जीवन में उतार लिया। उन्होंने एक स्मृति स्थल बनाया, जो रमादेवी की याद दिलाता था और उसकी शिक्षाओं को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य करता था।

      इस प्रकार, राणा थारू समाज ने यह साबित कर दिया कि जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु है, लेकिन जब तक हम जीवित हैं, हमें ऐसे कार्य करने चाहिए कि हमारे जाने के बाद भी लोग हमें याद रखें। रमा देवीकी कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि सच्चाई, ईमानदारी, और निस्वार्थ सेवा से हम दुनिया में एक अनमोल छाप छोड़ सकते हैं।
: नवीन सिंह राणा 


नोट: प्रस्तुत कहानी सत्य घटनाओं से प्रेरित पूर्णतः काल्पनिक कहानी है जिसमे आए पात्र और गांव कल्पना के आधार पर लिए गए हैं जिनका किसी व्यक्ति विशेष से कोई संबंध नहीं है यदि यह किसी व्यक्ति विशेष से मेल खाता है तो यह संयोग मात्र होगा।धन्यवाद

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