एकता की शक्ति का रहस्य

### एकता की शक्ति का रहस्य 
:नवीन सिंह राणा की कलम से 

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक सुंदर आम का बाग था। इस बाग में 12वृक्ष थे, जो अपनी मिठास और सुगंध के लिए प्रसिद्ध थे। गांव के लोगों ने इन पेड़ों की देखभाल के लिए एक 12 मालियों की टोली बनाई।

शुरुआत में, सभी सदस्य मिल-जुल कर काम करते थे, जिससे बाग बहुत हरा-भरा और फलदायी हो गया। परन्तु धीरे-धीरे सदस्यों में आपसी बात नही बनने लगी ।कोई एक सदस्य कहता कि पानी कब देना चाहिए, तो दूसरा कहता कि खाद कब डालनी चाहिए। सभी सदस्य अपने-अपने तरीके से काम करना चाहते थे, जिससे बाग की देखभाल ठीक से नहीं हो पाई और पेड़ सूखने की कगार पर आ गए।

एक दिन गांव के एक बुजुर्ग, जो अपने अनुभव और ज्ञान के लिए जाने जाते थे, उन्होंने इस समस्या को देखा और सभी सदस्यों को एकत्रित किया। उन्होंने एक छोटी सी कहानी सुनाई:

"एक बार एक किसान के पास 10 मजबूत बैल थे। जब सभी बैल एक साथ मिलकर हल खींचते थे, तो खेत बहुत अच्छी तरह से जुतता था और फसलें भी बहुत अच्छी होती थीं। लेकिन कुछ दिनों बाद बैल अपनी अपनी मर्जी से काम करने लगे , बैल ताकत लगाता तो दूसरा ढीला पड़ जाता। कोइ आगे बढ़ता तो कोई ठहर जाता। कोइ कहता मैं अधिक ताकत वर हुं, कभी कम ताकत वर वाले बैल को कोइ समझता ही नहीं। कभी कोई एक दिशा में खींचता तो कोई दूसरी दिशा में। इस झगड़े के कारण न केवल खेत सही से जुत पाए, बल्कि बैल भी थकान से टूट गए। किसान ने यह देखा और बैलों को समझाया कि इस तरह से काम नहीं चलेगा  जब तक वे मिलकर काम नहीं करेंगे, तब तक न तो खेत जुत पाएंगे और न ही अच्छी फसल होगी। बैलों ने किसान की बात मानी और एक साथ मिलकर काम करने लगे, फिर उनमें से कोई एक न इधर खींचता न उधर। जिधर जाना होता तब सभी साथ ही जाते। जिससे जिस दिशा में ताकत लगानी होती तो जम कर लगती। अब कोइ भी बैल अपने आप को न तो अधिक ताकत वर समझते और न कम ताकत लगाने वाले को बुरा भला कहते, जिससे खेतअच्छे से तैयार होता और जिससे फसलें फिर से भरपूर होने लगीं।"

यह कहानी सुनकर मालियों को अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने निर्णय लिया कि अब वे मिल-जुल कर काम करेंगे और आपसी विचार विमर्श कर, पुरानेवैमनस्य भुलाकर एकजुट रहेंगे। सभी माली एकजुट होकर काम करने लगे, जिससे बाग फिर से हरा-भरा हो गया और आम के पेड़ फिर से मीठे फल देने लगे।

इस प्रकार, सभी मालियों ने समझ लिया कि आपसी सहयोग और एकता से ही किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक किया जा सकता है। वे हमेशा इस बात को ध्यान में रखकर काम करने लगे और बाग के पेड़ हमेशा हरे भरे रहे और फल देते रहें।
: नवीन सिंह राणा 

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