प्रेरणा से बदलाव : एक गांव की कहानी
""प्रेरणा से बदलाव"एक गांव की कहानी
नवीन सिंह राणा की कलम से
कुछ समय पहले की बात है, कुमाऊं के तराई भावर में राणा थारू समाज का एक गांव बसा हुआ था। यह गांव चारों ओर से बड़े बड़े खेतों और बाग बगीचों से घिरा हुआ था, जहाँ प्रकृति अपने पूरे शबाब पर थी। इस गांव का मुखिया पधान कहलाता था, जो पूरे गांव समाज को एक सूत्र में बांधे रखने का प्रयास करता था। पधान अपने ज्ञान और नेतृत्व कौशल से गांव को एकजुट रखता था, और सभी लोग उसकी बात मानते थे।
समय के साथ परिवर्तन आया और आधुनिकता ने अपने पंख फैलाने शुरू किए। गांव के लोग मुखिया को कम महत्व देने लगे, और एकता कमजोर पड़ने लगी। गांव में कुछ लोग ऐसे भी थे जो स्वार्थी थे और अपने फायदे के लिए गांव का माहौल खराब करने की कोशिश करने लगे। धीरे-धीरे स्थिति इतनी बिगड़ गई कि गांव के लोगों ने आपस में जमीन खरीदने-बेचने का खेल शुरू कर दिया, जिससे गांव की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्धि को नुकसान पहुँचा।
ऐसे समय में, गांव का एक युवा जिसका नाम था कमल सिंह राणा, ने गांव की पुरानी एकता और सामंजस्य को फिर से स्थापित करने का निश्चय किया। उसको को प्रकृति से बहुत प्रेम था और वह जानता था कि गांव की खुशहाली का राज उसकी प्राकृतिक सुंदरता और एकता में है। उसने गांव के बुजुर्गों और युवाओं को एकत्र किया और उन्हें समझाया कि अगर वे इसी तरह लड़ते रहेंगे और जमीन का सौदा करते रहेंगे तो वे अपने गांव की सुंदरता और संस्कृति को हमेशा के लिए खो देंगे।
कमल ने प्रस्ताव रखा कि सभी लोग मिलकर गांव की जमीन का एक हिस्सा प्रकृति संरक्षण के लिए आरक्षित करें, जहाँ कोई निर्माण न हो सके। उसने यह भी सुझाव दिया कि गांव के लोग मिलकर एक जैव विविधता पार्क बनाएँ, जहाँ वे फल, फूल, और औषधीय पौधे उगा सकें। इसके साथ ही, पर्णा ने सभी को मिलकर खेती करने और अपनी उपज को साझा करने का सुझाव दिया, जिससे गांव की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो सके।
धीरे-धीरे कमल की बातों का असर होने लगा। गांव के लोग समझ गए कि एकता और सामूहिक प्रयास ही उन्हें खुशहाल बना सकता है। उन्होंने कमल के सुझावों को मानकर अपनी जमीन का एक हिस्सा प्रकृति संरक्षण के लिए आरक्षित कर दिया और जैव विविधता पार्क का निर्माण किया। गांव में फिर से एकता और भाईचारे का माहौल बनने लगा। गांव की प्राकृतिक सुंदरता लौट आई और वहां के लोग फिर से खुशहाल हो गए।
इस प्रकार, कमल की समझदारी और प्रकृति प्रेम ने पूरे गांव को एक नई दिशा दी और गांव फिर से अपने पुराने स्वरूप में लौट आया। उसकी कहानी गांव के लोगों के लिए हमेशा प्रेरणादायक बनी रही, जिसने उन्हें सिखाया कि एकता और सामूहिक प्रयास से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है और प्रकृति की रक्षा करने से ही सच्ची समृद्धि प्राप्त होती है।
:नवीन सिंह राणा
नोट: प्रस्तुत कहानी सत्य घटनाओं से प्रेरित पूर्णतः काल्पनिक कहानी है जिसमे आए पात्र और गांव कल्पना के आधार पर लिए गए हैं जिनका किसी व्यक्ति विशेष से कोई संबंध नहीं है यदि यह किसी व्यक्ति विशेष से मेल खाता है तो यह संयोग मात्र होगा।धन्यवाद