राणा थारू युवा जागृति समिति का अभिन्न अंग: निगरानी कमेटी

राणा थारू युवा जागृति समिति का अभिन्न अंग: निगरानी कमेटी 
Written,edited and Submitted by Naveen Singh Rana 



परिचय: राणा थारू युवा जागृति समिति की स्थापना करने से पूर्व इस बात का बारीकी से अध्ययन करना जरूरी था कि समिति कैसे मजबूत हो, इस हेतु कई समितियों के बायलॉज का गम्भीरता पूर्वक अध्यन किया गया, जिसमे कई ऐसे दस्तावेज भी थे जो बहुत अच्छा करने का प्रयास भी कर रहे थे। उन्हीं सभी दस्तावेज का अध्ययन कर समिति को मजबूती प्रदान करने हेतु निगरानी समिति की कल्पना कर उसे धरातल पर उतारने का प्रयास किया गया व वैधानिक रूप से उसे शसक्त बनाने हेतु असीम शक्ति प्रदान की गई। जिसे राणा थारू युवा जागृति समिति में रथयुजस निगरानी समिति के नाम से जाना जाता है।
निगरानी समिति के सदस्य: प्रारम्भ में रथयुजस निगरानी समिति में सदस्यों की संख्या 8रखी गई थी जिसमे चार सदस्य स्थाई आजीवन व चार सदस्य अस्थाई रखे गए थे। लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए इसमें चार सदस्यों को और बढ़ा दिया गया व सभी पद स्थाई रूप से कर दिए गए। जिससे कुल सदस्यों की संख्या 12 हो गई। भविष्य में निगरानी समिति के सदस्यों को बढ़ाने पर कोई विचार नहीं है। किसी विशेष परिस्थितियों में पद रिक्त होने पर ही पद भरा जा सकता है।

अर्हता,: निगरानी समिति में संस्थापक सदस्य, कर्मठ एवम् जुझारू सदस्यों के साथ निम्न अर्हताएं अवश्य पूरी करने की अपील की गई है

1*सदस्य 100 रुपए मासिक का योगदान अवश्य करता है।
2*सभी बैठकों में उसकी उपस्थिति 90 प्रतिशत जरूर हो।
3* विशेष परिस्थितियों को छोड़कर समिति द्वारा संचालित सभी कार्यक्रमों में उपस्थिति अनिवार्य रूप से हो।
4*सदस्य विवेक पूर्ण निर्णय लेने योग्य हो।
5*सदस्य आपातकालीन स्थति में किसी भी दायित्व का निर्वहन करने योग्य हो।
6*सदस्य राणा थारू समाज के विरूद्ध किसी भी कार्य में संलिप्त न हो।

निम्न परिस्थिति में निगरानी सदस्य को पद से त्यागपत्र देने हेतु बाध्य होना होगा

1*सदस्य समाज विरोधी अथवा समिति विरोधी कार्यों में सलग्न पाया जाता है।
2* सदस्य समिति द्वारा संचालित बायलॉज अथवा अर्हताओं का पालन नहीं करता है।
3*सदस्य के निर्णय हमेशा सभी सदस्यों से विपरीत रहते हैं।
4*सदस्य समिति को बाटने, तोड़ने अथवा दिग्भ्रमित करने का प्रयास करता है।

रथ्युजस निगरानी समिति के निम्न लिखित दायित्व व अधिकार प्रदान किए जाते हैं
1*निगरानी समिति समिति द्वारा संचालित सभी कार्यों की निगरानी करेगी।
2* निगरानी समिति के सदस्य विभिन्न दायित्वों को निभाने हेतु स्वतंत्र है।
3*निगरानी समिति कोष, आजीवन सदस्य संख्या को बढ़ाने हेतु प्रेरित करेगी।
4*विशेष परिस्थितियों में आकस्मिक बैठक का आयोजन कर सकती हैं।
5*नई कार्य करनी के गठन में अपनी विशेष भूमिका निभा सकती हैं।
6* नई कार्य कारनी का गठन होने के उपरांत किए जाने वाले कार्यों को धरातल पर उतारने हेतु मार्गदर्शन करेगी।
6*यदि निगरानी समिति किसी कार्य पालिका सदस्यों के कार्य से संतुष्ट नहीं है तब अध्यकछ को अवगत कराते हुए उसके दायित्व व पद पर विचार करेगी।
7* यदि निगरानी समिति सदस्य अध्यक्ष की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं हैं अथवा उसे समिति या समाज विरोधी कार्यों में सलग्न पाती है तो उसे त्याग पत्र देने हेतु निर्देशित कर सकती हैं।
8*समिति के संचालन हेतु आवश्यक दस्तावेज के रखरखाव, पुनः रजिस्ट्रेशन, ऑडिट कार्य, आजीवन सदस्य सम्मेलन, वार्षिक अधिवेशन, विभिन्न समारोह आदि हेतु जिम्मेदार है। व उसकी निगरानी करेगी।
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णा थारू युवा जागृति समिति आप सभी पाठकों का हार्दिक स्वागत अभिनंदन करती है। आशा है आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आयेगी। Published by Naveen Singh Rana

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