"8 कारण त्यागो और खुश रहो"

Written and published by Naveen Singh Rana 

मेरे प्यारे सम्मानित पाठकों हमारे समाज में अक्सर सुनने को मिलता है कि भाई भाई में बन नही रही है, जबकि भाई भाई का प्रेम सदियों से चला आ रहा है जिसके कई उदाहरण देखने को मिल जाते है , आखिर ऐसा क्यों होता है इस बारे में मैंने काफी चिंतन किया, क्योंकि कलह इंसान को कमज़ोर कर देता है जिससे समाज कमज़ोर होता है ,मैने यहां इस बारे मे कुछ बिंदुओ में प्रकाश डालने की कोशिश की है कि भूल बस कई बार हम गलती करते हैं और उसका हमे अहसास नही होता। यदि समय रहते इन बातो पर थोडा ध्यान दे दिया जाय तो अपना भाई भाई का प्रेम सदा बना रहे।

भाई-भाई के बीच ईर्ष्या और जलन के विभिन्न कारण हो सकते हैं। यहाँ कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं:

1. **माता-पिता का ध्यान और प्यार**: एक भाई को यह महसूस हो सकता है कि माता-पिता दूसरे भाई को अधिक ध्यान और प्यार दे रहे हैं, जिससे ईर्ष्या उत्पन्न होती है।

2. **प्रतिस्पर्धा**: शैक्षणिक, खेलकूद, या अन्य गतिविधियों में एक दूसरे से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश में भी ईर्ष्या हो सकती है।

3. **संसाधनों की उपलब्धता**: यदि एक भाई को अधिक संसाधन, जैसे जेब खर्च, कपड़े, या गैजेट्स मिलते हैं, तो दूसरे भाई को ईर्ष्या हो सकती है।

4. **स्वीकृति और प्रशंसा**: किसी भाई को अगर परिवार या समाज में अधिक स्वीकृति और प्रशंसा मिलती है, तो दूसरे भाई को जलन हो सकती है।

5. **व्यक्तिगत उपलब्धियाँ**: व्यक्तिगत उपलब्धियों, जैसे नौकरी, व्यवसाय, या रिश्तों में सफलता, को लेकर भी ईर्ष्या हो सकती है।

6. **विशेषाधिकार और स्वतंत्रता**: यदि एक भाई को अधिक स्वतंत्रता या विशेषाधिकार दिए जाते हैं, तो दूसरे भाई को यह असमानता ईर्ष्या का कारण बन सकती है।

7. **पारिवारिक भूमिका और जिम्मेदारियाँ**: परिवार में विभिन्न भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के असमान वितरण से भी भाई-भाई में ईर्ष्या उत्पन्न हो सकती है।

8. **मित्रता और सामाजिक संबंध**: एक भाई के अधिक मित्र या बेहतर सामाजिक संबंध होने पर भी दूसरे भाई को जलन हो सकती है।

इन कारणों से भाई-भाई के रिश्तों में तनाव और ईर्ष्या उत्पन्न हो सकती है। संवाद, समझ और संतुलित दृष्टिकोण अपनाकर इन समस्याओं का समाधान करने की कोशिश की जा सकती है।

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