"जलन और ईर्ष्या के 5 कारण, जिन पर विचार करना है जरूरी "by Naveen Singh Rana

Written and published by Naveen Singh Rana 

किसी समिति में सदस्य यदि आपस में जलन और ईर्ष्या  करते हैं, तो यह न तो समिति के भविष्य के लिए सही होता है और न ही समाज के लिए।
प्रिय पाठकों लेकिन फिर भी इस तरह की कुछ स्थितियां इन संगठनों में बनने की संभावना रहती है इसके कई कारण हो सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख कारण और उनके पीछे के संभावित कारकों पर चर्चा की गई है: यदि इन कारणों पर विचार किया जाय तो इससे बचा जा सकता है और किसी भी समिति को लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर किया जा सकता है।

1. **प्रतिस्पर्धा और पद की लालसा**:
    - **पद और प्रमोशन**: समिति में पदोन्नति या विशेष जिम्मेदारियों की लालसा के कारण सदस्य एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते हैं। जब एक सदस्य को पदोन्नति मिलती है या अधिक महत्वपूर्ण कार्य दिया जाता है, तो अन्य सदस्य ईर्ष्या महसूस कर सकते हैं।
    - **मान्यता और सम्मान**: किसी सदस्य को अधिक मान्यता और सम्मान मिलने पर अन्य सदस्यों को जलन हो सकती है, विशेषकर यदि उन्हें लगता है कि वे भी उतने ही योग्य हैं।

2. **संसाधनों का बंटवारा**:
    - **फंड और संसाधन**: समिति के कार्यों के लिए आवंटित फंड और संसाधनों का असमान वितरण भी ईर्ष्या का कारण बन सकता है। जब किसी विशेष सदस्य या समूह को अधिक संसाधन मिलते हैं, तो अन्य सदस्य असंतुष्ट हो सकते हैं।
    - **समय और ध्यान**: समिति के लीडर या उच्च पदस्थ सदस्यों द्वारा किसी एक सदस्य को अधिक समय और ध्यान देने पर बाकी सदस्य उपेक्षित महसूस कर सकते हैं।

3. **व्यक्तिगत मतभेद और व्यक्तित्व संघर्ष**:
    - **विभिन्न दृष्टिकोण**: समिति में विभिन्न सदस्यों के विचार और दृष्टिकोण भिन्न हो सकते हैं। ये मतभेद कभी-कभी व्यक्तिगत ईर्ष्या और जलन का रूप ले सकते हैं।
    - **व्यक्तिगत संघर्ष**: व्यक्तिगत पसंद-नापसंद और इतिहास भी समिति के सदस्यों के बीच ईर्ष्या का कारण बन सकता है।

4. **सफलता और प्रदर्शन**:
    - **उपलब्धियां और प्रदर्शन**: जब एक सदस्य किसी महत्वपूर्ण परियोजना में सफल हो जाता है या बेहतर प्रदर्शन करता है, तो अन्य सदस्य जलन महसूस कर सकते हैं। यह विशेष रूप से तब होता है जब वे खुद को उस सफलता का हिस्सा मानते हैं या उससे वंचित महसूस करते हैं।
    - **प्रशंसा और पुरस्कार**: किसी सदस्य को विशेष पुरस्कार या प्रशंसा मिलने पर बाकी सदस्य अपने प्रयासों को कमतर समझ सकते हैं और जलन महसूस कर सकते हैं।

5. **संचार की कमी और पारदर्शिता का अभाव**:
    - **अस्पष्टता**: निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और अस्पष्टता भी जलन का कारण बन सकती है। जब सदस्यों को यह नहीं पता होता कि क्यों किसी विशेष निर्णय को लिया गया, तो वे संदेह और ईर्ष्या का शिकार हो सकते हैं।
    - **गलतफहमी**: संचार की कमी और गलतफहमी भी सदस्यों के बीच जलन और ईर्ष्या को बढ़ा सकती है।

### समाधान और प्रबंधन के उपाय:
- **खुला संवाद**: समिति में खुले और स्पष्ट संवाद को प्रोत्साहित करना, ताकि सदस्यों के बीच गलतफहमी और संदेह कम हो सकें।
- **समानता और निष्पक्षता**: संसाधनों और जिम्मेदारियों का समान और निष्पक्ष बंटवारा सुनिश्चित करना।
- **टीम बिल्डिंग गतिविधियां**: टीम बिल्डिंग गतिविधियों और कार्यशालाओं के माध्यम से सदस्यों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देना।
- **प्रशंसा और मान्यता**: सभी सदस्यों के योगदान को मान्यता देना और उनकी प्रशंसा करना, ताकि कोई भी सदस्य उपेक्षित महसूस न करें।

इन उपायों से समिति के सदस्यों के बीच जलन और ईर्ष्या को कम किया जा सकता है और एक सकारात्मक और सहयोगी वातावरण बनाया जा सकता है।

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