बदल रहे हैं अच्छे की....... By जेपी राणा

नवीन सिंह राणा द्वारा संपादित 

जय प्रकाश सिंह राणा द्वारा रचित 

बदल रहें है अच्छे की उम्मीद में,
खो ना जाना तुम भी कहीं भीड़ में।

नियत और इरादा साफ रखना,
किया जो सबसे वादा ,याद रखना।

ना रखना पर्दे में कुछ ना, 
                 ओझल होना तुम
भविष्य रख दिया है हाथ में,
             तुम्हारे ना समझना इसे खिलौना तुम।

इक नई ऊंचाई देना,
              इक नया मुकाम बनाना तुम।
दुनिया की चकाचौँध में ,
                 अपनों को भूल ना जाना तुम।
मार्गदर्शक है तू तो ,
              हम भी कारवां हैं।
जहाँ पड़ेंगे तेरे कदम,
                 तो हम भी वहाँ हैं।
बड़ी परेशानियां झेली हैं,
                     बड़े दर्द में हैं।
जैसा चल रहा है,
          वैसे तो भविष्य गर्त में है।
बदलना है मौसम ,
           उसकी रवानी बदलनी है।

जो है तस्वीर पुरानी, उस तस्वीर को बदलनी है
बदलना है उसे जो ,
              बाधक है उन्नति में
अपने समाज की कहानी बदलनी है।


जेपी राणा की क्रांतिकारी कविता 

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