आज युद्ध के मैदान में अर्जून...... नवीन सिंह राणा द्वारा रचित
आज युद्ध के मैदान में अर्जुन,
क्यों धनुष नहीं उठाता है!
क्या कायर है या भय कैसा,
आगे क्यों नहीं कदम बड़ाता है।
इतिहास कहेगा तुझको बुजदिल,
अब काहे घबराता है।
गीता का सार समझ,
वो पल आज फिर दोहराता है।
खड़ी सामने है चुनौती,
अब काहे को नीचे अस्त्र रखे।
तुझमें है वो दम मानता मै,
अब काहे नीचे शस्त्र पड़े।
भले नहीं है यह महा भारत,
पर उससे भी है कम नहीं।
भले नहीं है गीता का वचन,
क्या यह दायित्व है सही नहीं।
जिसके कदमों में चलकर,
आगे अब नया इतिहास रचेगा।
बैठ गया अगर निर्बल बनकर,
समझ ले तुझको क्या इतिहास कहेगा।
समझ ले तुझको क्या इतिहास कहेगा।
🙏🏿🙏🏿नवीन सिंह राणा द्वारा रचित