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**"संघर्ष से स्वर्णिम भविष्य तक: एकता और विश्वास की कहानी"(सभी आजीवन सद्स्यों को समर्पित)

**"संघर्ष से स्वर्णिम भविष्य तक: एकता और विश्वास की कहानी"** Published by Naveen Singh Rana        एक समय की बात है, 'प्रगति नगर' नामक एक छोटे से कस्बे में एक समाजिक संगठन था जिसका नाम 'समाज उत्थान समिति' था। यह समिति हर वर्ष एक महोत्सव का आयोजन करती थी, जिसमें समाज के सभी अजीवन सदस्य और स्थानीय लोग आर्थिक सहयोग प्रदान कर भाग लेते थे। इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य समाज के उत्थान और विकास के लिए धनराशि एकत्रित करना था।      इस वर्ष भी, महोत्सव का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल-कूद प्रतियोगिताएँ, और समाज के विकास से जुड़े सेमिनार आयोजित किए गए। और विजित प्रतिभागी ओ को सम्मानित किया गया।समाज के सभी सदस्य और स्थानीय लोग बड़े उत्साह के साथ इसमें भाग लिए ।समिति के सदस्य, विशेषकर अजीवन सदस्य, इस बात से बहुत खुश थे कि उनके द्वारा दी गई धनराशि सही कार्यों में लग रही है और समाज का विकास हो रहा है।     महोत्सव के समापन पर समिति ने एक सभा आयोजित की, जिसमें उन्होंने आय और व्यय का पूरा विवरण प्रस्तुत किया। समिति के सचिव...

**मानसून की पहली बारिश और आसमानी बिजली का तांडव**

**मानसून की पहली बारिश और आसमानी बिजली का तांडव** गर्मी के लंबे और तपते दिनों के बाद, गाँव के बच्चे बेसब्री से मानसून की पहली बारिश का इंतजार कर रहे थे। खेत सूख चुके थे, और पेड़-पौधे प्यासे थे। हर किसी की निगाहें आसमान पर टिकी थीं, मानो बादलों से पानी की बूँदें बरसने का निवेदन कर रहे हों। आखिरकार, एक दिन आसमान में घने बादल छा गए। हवा में ठंडक महसूस होने लगी और पत्तों ने खुशी में सरसराहट शुरू कर दी। बच्चे अपने घरों से बाहर निकलकर खुले मैदान में दौड़ने लगे। तभी अचानक, बिजली की तेज चमक आसमान को चीरती हुई दिखी और जोर की गर्जना हुई। रमन और उसकी छोटी बहन मीरा भी बारिश में भीगने का आनंद ले रहे थे। परंतु, उनकी दादी ने उन्हें सावधान किया, "बच्चों, आसमानी बिजली खतरनाक होती है। हमें सुरक्षित रहना चाहिए।" रमन ने सवाल किया, "दादी, हमें क्या करना चाहिए?" दादी ने बताया, "जब बिजली चमकती है और बादल गरजते हैं, तो हमें खुले मैदान और पेड़ों से दूर रहना चाहिए। सबसे अच्छा है कि हम किसी सुरक्षित जगह, जैसे घर या किसी पक्की इमारत के अंदर रहें।" मीरा ने पूछा, "पर हम बाहर हैं, ...

मानसून की पहली बारिश: एक सीख और सावधानी की कहानी

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**मानसून की पहली बारिश: एक सीख और सावधानी की कहानी** Published by Naveen Singh Rana      गर्मी के लंबे और तपते दिनों के बाद, गाँव में मानसून की पहली बारिश का बेसब्री से इंतजार हो रहा था। हर कोई आसमान में घने बादलों को देखकर खुशी से झूम रहा था। गाँव के लोग अपने खेतों में धान की रोपाई करने में व्यस्त थे, ताकि आने वाले समय में अच्छी फसल हो सके।      रमन और उसकी छोटी बहन मीरा भी अपने माता-पिता के साथ खेत में धान की रोपाई में मदद कर रहे थे। दोनों बच्चे बहुत खुश थे, क्योंकि वे पहली बार मानसून की बारिश में धान रोपाई कर रहे थे। अचानक, आसमान में तेज गरज और चमक से सबकी नजरें ऊपर उठ गईं। बिजली की चमक इतनी तेज थी कि सब सिहर उठे। रमन और मीरा ने भी डर के मारे एक-दूसरे का हाथ पकड़ लिया।      बिजली की एक तेज चमक के बाद जोर का झटका लगा और रमन और मीरा वहीं खेत में गिर पड़े। उनके माता-पिता और आस-पास के लोग घबराकर दौड़े और बच्चों को उठाने की कोशिश की। पड़ोस के खेत में काम कर रहे लोग भी दौड़कर वहाँ पहुंचे। बच्चों को जल्दी से पास के अस्पताल...

मानसून की पहली बारिश: कविता Publised by Naveen Singh Rana

मानसून की पहली बारिश: कविता  Publised by Naveen Singh Rana  प्यासी धरती की पुकार सुन, आया आषाढ का त्योहार। बादल गहरे, काले-घने, लेकर आए बारिश की झर झर धार।।1।। पुष्प सुमनों ने भी ली अंगड़ाई, कानन ने पाई नई जवानी। हरियाली से भर गई दुनिया, धुली धरा की बात पुरानी।।2।। पहली बूँद गिरी जब ज़मीं पर, मिट्टी की खुशबू से महकी फिज़ा। झूमें बच्चे, नाचे बगिया, घर  दुनिया का हर कोना कोना सजा ।।3।। नदी-नाले हुए अति सरसरे, बगिया में अब आई नई महक। कृषक के चेहरे पर मुस्कान, फसलों में झलके जीवन की ललक।।4।। पर्वत, जंगल, झील और झरने, सब गाए बारिश का  मधुर गीत। प्रकृति का नर्तन, अद्भुत मेला, आया जैसे कोई मधुर संगीत।।5।। मानसून की पहली बारिश, ले आई जीवन में नई उमंग। सबके मन में बसी खुशी, भर दिया जीवन में नया रंग।।6।। नव उमंग अब छा गई हर दिशा, "नवीन" जीवन का उल्लास भर। धरती, अंबर, प्रकृति और प्राणी, हर्षित हुए अपनी बांह फैलाकर।।7।। आओ मिलकर करें स्वागत   नव आगंतुक को हो नतमस्तक। प्रफुल्लित हो जीवन, न प्रलय हो, हे मानसून ! बस ऐसी हो तेरी दस्तक।।8।। :नवीन सिंह राणा द्वारा रचित ...