मानसून की पहली बारिश: एक सीख और सावधानी की कहानी

**मानसून की पहली बारिश: एक सीख और सावधानी की कहानी**
Published by Naveen Singh Rana

     गर्मी के लंबे और तपते दिनों के बाद, गाँव में मानसून की पहली बारिश का बेसब्री से इंतजार हो रहा था। हर कोई आसमान में घने बादलों को देखकर खुशी से झूम रहा था। गाँव के लोग अपने खेतों में धान की रोपाई करने में व्यस्त थे, ताकि आने वाले समय में अच्छी फसल हो सके।

     रमन और उसकी छोटी बहन मीरा भी अपने माता-पिता के साथ खेत में धान की रोपाई में मदद कर रहे थे। दोनों बच्चे बहुत खुश थे, क्योंकि वे पहली बार मानसून की बारिश में धान रोपाई कर रहे थे। अचानक, आसमान में तेज गरज और चमक से सबकी नजरें ऊपर उठ गईं। बिजली की चमक इतनी तेज थी कि सब सिहर उठे। रमन और मीरा ने भी डर के मारे एक-दूसरे का हाथ पकड़ लिया।
     बिजली की एक तेज चमक के बाद जोर का झटका लगा और रमन और मीरा वहीं खेत में गिर पड़े। उनके माता-पिता और आस-पास के लोग घबराकर दौड़े और बच्चों को उठाने की कोशिश की। पड़ोस के खेत में काम कर रहे लोग भी दौड़कर वहाँ पहुंचे। बच्चों को जल्दी से पास के अस्पताल ले जाया गया।

     अस्पताल पहुँचने पर डॉक्टर ने बच्चों की जाँच की और भारी मन से बताया कि उनकी हृदय गति रुक गई थी। रमन और मीरा अब इस दुनिया में नहीं रहे। यह सुनकर उनके माता-पिता और गाँव के लोग फूट-फूट कर रोने लगे। पूरे गाँव में कोहराम मच गया।

       गाँव के एक बड़े समझदार बुर्जुग ने सबको शांत किया और कहा, "यह एक बहुत ही दुखद घटना है, लेकिन हमें इससे सीखना होगा। हमें मानसून के समय बिजली के खतरे को समझना होगा और सावधानी बरतनी होगी।"
     उस ने गाँव के बच्चों को बताया, "बच्चों, जब भी आसमान में बादल गरजते और बिजली चमकती है, हमें खुले मैदान और पेड़ों से दूर रहना चाहिए। किसी पक्की इमारत में शरण लेना सबसे सुरक्षित होता है। अगर आप बाहर हैं, तो किसी नीची जगह पर जाकर बैठें, अपने घुटनों को छाती से लगाकर, कानों को हाथों से ढक लें और सिर को नीचे झुका लें। जमीन पर लेटने से बचें।"

      गाँव के लोगों ने यह बात गांठ बांध ली। उन्होंने प्रण लिया कि वे हमेशा बिजली के समय सावधानी बरतेंगे और दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करेंगे। इस घटना से प्रेरित होकर, गाँव के बच्चों ने अपने स्कूल में भी बिजली से बचाव के उपायों पर चर्चा की और सभी को सुरक्षित रहने के उपाय बताए।

इस प्रकार, रमन और मीरा की दुखद मृत्यु ने पूरे गाँव को जागरूक किया और उन्हें प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रहने की शिक्षा दी। बच्चों ने सीखा कि सावधानी और जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है, और इस सीख को उन्होंने पूरे गाँव समाज में फैलाया।
: राणा संस्कृति मंजूषा की प्रस्तुति 

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