*राणा थारू समाज के लिए विचारणीय लेख**

**राणा थारू युवा जागृति समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों के लिए विचारणीय लेख**

प्रिय सदस्यों,

आपने हाल ही में देखा होगा कि नीती माणा घाटी के हमारे भाइयों ने उत्तराखंड अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति को पत्र लिखा है, जिसमें सरकारी और अर्धसरकारी विभागों में बैकलॉग भरने और रोस्टर प्रणाली को प्रभावी बनाने की मांग की गई है। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने न केवल अपने अधिकारों की मांग की, बल्कि अन्य जनजातीय समुदायों को भी एकजुट होकर अपनी आवाज उठाने का आह्वान किया है। 

अब यह सवाल उठता है कि क्या हम, राणा थारू समुदाय, इसी प्रकार के कदम उठाने के लिए तैयार हैं? अन्य जनजातीय संगठनों द्वारा की जा रही यह पहल हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर हम कब तक इसे नजरअंदाज करेंगे?

**आज की स्थिति पर एक नजर:**

हमारा समाज लगातार सरकारी और अर्धसरकारी विभागों में नौकरी के अवसरों से वंचित होता जा रहा है। रोस्टर प्रणाली को सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है और बैकलॉग के पद भी खाली पड़े हैं। इसके चलते हमारे युवाओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब हम देखते हैं कि अन्य जनजातीय संगठन इस मुद्दे पर गंभीर विमर्श कर रहे हैं, जबकि हम इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं।

**अब समय है जागरूकता और एकजुटता का:**

आज का समय हमसे मांग करता है कि हम इस मुद्दे को गंभीरता से लें और अपनी आवाज बुलंद करें। हमें यह समझना होगा कि यदि हम अब भी चुप रहे, तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। राणा थारू युवा जागृति समिति का उद्देश्य ही हमारे समाज के हितों की रक्षा करना है, और अब वह समय आ गया है जब हमें अपने अधिकारों के लिए सरकार के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत करने की आवश्यकता है।

**आगे की दिशा:**

1. **संघटन की एकजुटता:** हमें अपने संगठन के सभी सदस्यों को एकजुट करके इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा करनी चाहिए। विमर्श के दौरान यह तय किया जाना चाहिए कि हम किस प्रकार से सरकार और अन्य संबंधित विभागों के सामने अपने हक की मांग रखेंगे।
  
2. **सरकार को ज्ञापन प्रस्तुत करना:** अन्य जनजातीय समुदायों की तरह हमें भी सरकार को ज्ञापन देना चाहिए, जिसमें बैकलॉग भरने और रोस्टर प्रणाली को प्रभावी बनाने की मांग की जाए। इसके अलावा, हमें सरकार से नियमित रूप से इन मुद्दों पर वार्ता करने की भी आवश्यकता है।

3. **मीडिया और जनजागरण:** इस मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हमें मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का सही उपयोग करना चाहिए। साथ ही, स्थानीय स्तर पर जनजागरण अभियान चलाकर हमारे समाज के लोगों को इस लड़ाई में भाग लेने के लिए प्रेरित करना होगा।

**निष्कर्ष:**

राणा थारू युवा जागृति समिति के प्रत्येक सदस्य को इस समय की गंभीरता को समझते हुए अपने समाज के भविष्य के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। हमें दूसरों की पहल का सिर्फ दर्शक नहीं बनना चाहिए, बल्कि अपने हक के लिए भी संघर्ष करना चाहिए। आज से ही हमें संगठित होकर सरकार के समक्ष अपने हक की मांग रखनी होगी, ताकि हमारे युवाओं का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल हो सके।

आपका साथी,  
राणा थारू युवा जागृति समिति

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