सपनों की उड़ान: कदम से कदम मिलाए जा" (कविता):नवीन सिंह राणा द्वारा रचित

"सपनों की उड़ान: कदम से कदम मिलाए जा" (कविता)
:नवीन सिंह राणा द्वारा रचित 


अब कदम बढ़ा दिए हैं, समाज को जोड़ने,
कदम कदम मिलाओ तुम, कदम कदम मिलाए हम।
अब न रुकेंगे हम, अब न झुकेंगे हम,
लक्ष्य हमारा एक है, तो काहे को डरेंगे हम।।

शिक्षा का दीप प्रज्ज्वलित कर,
अज्ञानता के अंधेरे मिटा,
प्रगति की राह पर बढ़ चलो,
ज्ञान की रोशनी से सबको जगाए जा।।

कदम से कदम मिलाए जा,
ये राणा वीर धीर तुम,
कदम कदम बढ़ाए जा,
हर चुनौती को पार कर,
आगे ही आगे बढ़ाए जा।।

अभी दूर है रोशनी, लक्ष्य भी दूर है,
न रुक, न थक, इधर उधर,
निरंतर चल, डगर डगर,
राह में कितने ही हों काँटे,
हिम्मत से उन्हें हटाए जा।

युवा मंच की पताका,
हर तरफ फहराए जा,
हर दिल में उत्साह जगा,
हर मन में उमंग भर,
जोश से भरपूर आगे कदम बढ़ाए जा।।

संघर्ष का ये मार्ग कठिन सही,
लेकिन हिम्मत मत हारना 
सपनों के इस आसमान में,
अपनी उड़ान कोसंवारना।
हर मुश्किल को आसान बना 
हर सपने को साकार  कराए जा।

हर नई सुबह एक नया सवेरा, 
परिश्रम का देगा फल 
तुम्हारी मेहनत से ही,
उजाला होगा हर दिल 
हर कदम पे होगी विजय,
हर लक्ष्य को हासिल कराए जा।

चलो बढ़ाओ कदम,
सपनों को सच बनाए जा,
जब तक न हो लक्ष्य पूरा,
कदम से कदम मिलाए जा।

हर दर्द को हँसकर सहो,
हर मुश्किल को पार कर
न कोई बाधा तुम्हें रोक सके,
न कोई डर तुम्हें डिगा सके।
हो यदि मन में डर, डर को भगाए जा।

समाज को नई दो दिशा
हर इंसान को  दो प्रेरणा
हर कदम पर नया इतिहास रच,
हर मंजिल को पास कर
हर दिल में उजाला फैला 
हर कदम से नया सपना सजाए जा।

चलो बढ़ाओ कदम,
सपनों को सच बनाए जा,
जब तक न हो लक्ष्य पूरा,
कदम से कदम मिलाए जा।
:नवीन सिंह राणा 


टिप्पणियाँ

बहुत ही शानदार लाजवाब दिल को सहृदय मर्म स्पर्श करने वाली समाज से जुड़ी कविता एक एक शब्द में समाज के दर्द को समझते हुए आगे किस प्रकार एक जुट होकर समाज को प्रगति की ओर अग्रसर करना है , सभी का उत्साहवर्धन करते हुए कविता को हम सभी के सम्मुख प्रदर्शित किया है। आपकी कलम रूकनी नही चाहिए नवीन जी । Superb

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