1:रोचक और प्रेरणादायक कहानी, कविता, लेख व संस्मरण आदि विधाओं पर आधारित रचनात्मक लेखन,
2:बाल साहित्य लेखन,
3: राणा समाज की परम्परा व संस्कृति पर आधारित लेखन ,
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप सिंह जयंती की स्मृतियां
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हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप सिंह जयंती का आयोजन थारू विकास भवन मे राणा थारू परिषद द्वारा अयोजित किया गया।
राणा एकता मंच बरेली द्वारा अयोजित वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप सिंह जयंती कार्यक्रम : परिचय, उद्देश्य और लक्ष्य नवीन सिंह राणा द्वारा संपादित 9 मई 2024 को वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप सिंह जयंती के अवसर पर हमारे राणा समाज के कर्मठ, जुझारू और अति जागरूक बरेली के कर्मचारी साथियों ने बरेली शहर में निवास कर रहे राणा जनों को संगठित करते हुए राणा एकता मंच की नीव रखते हुए बहुत ही बेहतरीन कार्यक्रम वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप जयंती समारोह का आयोजन किया । जिसमे उन्होंने राणा समाज के माननीय विधायक श्री गोपाल सिंह राणा, राणा थारू परिषद के अध्यक्ष श्री दान सिंह राणा, खटीमा विधायक भुवन चंद्र कापरी आदि के साथ साथ राणा थारू युवा मंच के अध्यक्ष श्री उप जी के साथ समस्त पदाधिकारी जनों सचिव मनोज सिंह, पवन सिंह, नवीन सिंह, दुष्यंत सिंह, मनोज सिंह राणा, मलकीत सिंह, सरवन सिंह, सुरजीत सिंह, उपेंद्र सिंह आनंद सिंह इस कार्यक्रम में अथिति स्वरूप आमंत्रित किएगए,जो बहुत ही बेहतरीन कार्यक्रम रहा। कार्यक्रम संचाल...
**"मेहनत और सफलता की यात्रा: हंसवाहिनी कोचिंग की कहानी"** नवीन सिंह राणा की कलम से (इस प्रस्तुति में लेखक ने हंसवाहिनी के कोच श्री अवतार सिंह राणा जी के संघर्ष की कहानी को उन्ही के शब्दो में लिखने का प्रयास किया है।) मैं अवतार राणा (हंसवाहिनी), आपकी सेवा में उपस्थित हूँ। आज मैं आपको अपनी कोचिंग के सफर की कहानी सुनाना चाहता हूँ, जो 2016 में शुरू हुई थी। यह कहानी है संघर्ष, मेहनत और सफलता की, जो हमारे छात्रों ने अपनी कड़ी मेहनत से लिखी है। #### शुरुआत 2016 में, मैंने दिल्ली में UPSC की कोचिंग के बाद प्रयागराज का रुख किया। मैंने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश PCS दोनों के मुख्य परीक्षाएँ दीं, लेकिन इंटरव्यू तक नहीं पहुँच सका। UPSC की प्रारंभिक परीक्षा में भी सफल नहीं हो पाया और SSC CGL के मुख्य परीक्षा में भी असफल रहा। इस दौरान मैंने और कोई परीक्षा नहीं दी। इन असफलताओं ने मुझे निराश नहीं किया बल्कि मुझे सिखाया कि सही दिशा में कड़ी मेहनत और अनुशासन से ही सफलता पाई जा सकती है। इस सोच के साथ मैंने 2016 में अपनी कोचिंग शुरू की। #### पहला परिणाम ...
Published by Naveen Singh Rana ""राणा समाज और उनकी उच्च संस्कृति "" श्रीमती पुष्पा राणा जी की कलम से लिखित 1:राणा राजपूतों का तराई क्षेत्र में विस्थापन: मैं आज पुन: भाव विभोर हूं जब अपने पिता पर पितामह की जीवन शैली पर एक नजर डालकर उनका विश्लेषण करती हूं राणा समाज के जीवन शैली हर तरह से शाश्वत सनातनी जीवन मूल्य पर आधारित थी। संभवत: इन्ही सार्वभौमिक जीवन मूल्यों को आत्मसात करके उन्हें अपने जीवन का आधार बनाना ही एकमात्र महत्वपूर्ण कारक रहा होगा जो विषम परिस्थितियों में राजस्थान से एक ऐसे दुरुह स्थान पर विस्थापित होने को मजबूर हुआ हमारा राणा समाज, जहां कदम कदम पर प्रकृति जीवन के अस्तित्व को चुनौती देती प्रतीत होती थी ।यह जो तराई क्षेत्र है ,तब घने जंगलों से आच्छादित था और जौरा साल जैसे जंगल जहां सूर्य की रोशनी तक नहीं पहुंचती थी। लगातार वारिस से तर रहने के कारण ही इस क्षेत्र का नाम तराई पड़ा ।यहां की उष्ण नाम न् जलवायु कीटाणु, बिषाणु तथा जहरीले सांप बिच्छुओं को पनपने के लिए एकदम मुफीद थी। ऐसी विषैली जलवायु में संसाधन हीन विस्थापित लोगों का ,जीवन के लिए संघर्...