डॉ. भीमराव अंबेडकर : जीवन परिचय और अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए किए गए कार्य
डॉ. भीमराव अंबेडकर : जीवन परिचय और अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए किए गए कार्य 🖋️नवीन सिंह भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक और न्याय के प्रहरी डॉ. भीमराव अंबेडकर एक ऐसे युगद्रष्टा थे जिन्होंने भारत में सामाजिक समानता की नींव रखी। उनका जीवन संघर्षों और उपलब्धियों से भरा हुआ था। उन्होंने न केवल शिक्षा के माध्यम से अपनी स्थिति को सुदृढ़ किया, बल्कि देश की करोड़ों दलित, पिछड़ी और शोषित जातियों के लिए आवाज भी उठाई। जीवन परिचय: डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू नगर में एक महार (अनुसूचित जाति) परिवार में हुआ था। उनके पिता रामजी सकपाल ब्रिटिश सेना में सूबेदार थे। बचपन में उन्हें भेदभाव और अपमान का सामना करना पड़ा। लेकिन शिक्षा के प्रति उनका आग्रह इतना प्रबल था कि उन्होंने अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से उच्च शिक्षा प्राप्त की। अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए किए गए कार्य: 1. समानता और अधिकारों की लड़ाई: डॉ. अंबेडकर ने भारत की उस जाति व्यवस्था को खुली चुनौती दी जिसमें कुछ वर्गों को अछूत मानकर उनसे अमानवीय व्यवहार...